logo

JAP-IT शोषक ज़मींदार के रूप में बैठा है अध्यक्ष महोदय, एजेंसी के माध्यम से अनुबंध कर्मियों के पैसे में करता है कटौती- प्रदीप यादव 

JINGAT.jpg

द फॉलोअप डेस्क 

झारखंड विधानसभा में मंगलवार को JAP-IT के ज़रिए राज्य भर में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेट की नियुक्ति और एजेंसी के चयन में अनियमितता का सवाल उठा। अल्पसूचित प्रश्न के ज़रिए कांग्रेस विधायक दल के नेता और पॉड़ियाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने उठाया। प्रदीप यादव ने सदन में सरकार को बताया कि JAP-IT में एजेंसी के माध्यम से राज्य भर में कंप्यूटर ऑपरेट की नियुक्ति होती है। इसके लिए बाहरी एजेंसी से काम होता है। ऑपरेटरों को मिलने वाले रक़म में भी कटौती होती है।

कई महीनों से मानदेय भी मिलता है। प्रदीप यादव ने मांग करते हुए कहा कि इसमें राज्य के युवाओं को प्राथमिकता दी जाती है। प्रदीप यादव में सदन को बताया कि एजेंसी का चयन निविदा के आधार पर होता है लेकिन निविदा में ऐसी शर्तें जोड़ दी जाती है जिससे राज्य की कंपनियाँ भाग ही नहीं ले पाती हैं। प्रदीप यादव ने सरकार से पूछा कि क्या एजेंसी जो ऑपरेटरों की सैलरी से पैसों का हिस्सा ले रही है इसकी जानकारी सरकार को है और शिकायत पर कितनी कंपनियों पर कारवाई हुई है। साथ ही प्रदीप यादव ने कहा कि JAP-IT शोषक ज़मींदार के रूप में बैठा है। 2021 से एक ही एजेंसी का चयन होना संदेह उत्पन्न करता है। प्रदीप यादव ने कहा कि सभी उपायुक्त से शिकायत लेकर जाँच रिपोर्ट मंगाकर क्या उस पर सरकार कारवाई करेगी। 

ज़िला स्तर पर भी एजेंसी नियुक्त करने पर सरकार विचार करेगी 
प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री रामदास सोरेन ने सदन को बताया कि निविदा के आधार पर मैन पॉवर सप्लाय का काम एजेंसी करती है। शिकायत मिलने पर कंपनी के विरुद्ध कारवाई भी की जाती है। ल्यूमिनस कंपनी के विरुद्ध शिकायत मिली थी उसके ख़िलाफ़ कारवाई भी हुई है। मंत्री ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि विभागीय स्तर पर जांच कर एक महीने के अंदर कारवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ज़िला स्तर पर भी टेंडर हो और एजेंसी का चयन हो इस पर सरकार विचार करेगी।
 

Tags - JHARKAHNDJHARKHANDNEWSJAPITMLALATESTNEWS