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केंद्रीय एजेंसियों के जरिए झारखंड में अव्यवस्था फैला रही BJP – झामुमो

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास में ईडी अधिकारियों के पहुंचने के बाद झारखंड में मचे सियासी बवाल के बीच झामुमो ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। झामुमो ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर झारखंड में अव्यवस्था फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। झामुमो ने कहा कि झारखंड में जब से युवा हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी है, पहले ही दिन से इसे अपदस्थ करने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आखिर ईडी को मुख्यमंत्री से पूछताछ के लिए और कितना समय चाहिए? 

ईडी को पूछताछ की इतनी जल्दी क्यों है!
विनोद पांडेय ने कहा कि 20 जनवरी को ईडी ने सीएम आवास में मुख्यमंत्री ने ऑन कैमरा 7 घंटे से ज्यादा वक्त तक पूछताछ की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सभी सवालों का जवाब दिया। ईडी के समन पर मुख्यमंत्री ने पिछले डेढ़ माह में पहले 12 दिसंबर 2023 और फिर 15 जनवरी एवं 29 जनवरी को पत्र भेजकर भी जवाब दिया गया है तो फिर प्रश्न उठता है कि आखिर 3 करोड़ नागरिकों द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत पूछताछ के लिए एजेंसी को और कितना वक्त चाहिए। पूछताछ के बाद अगले तकरीबन 4 दिनों में ही दूसरा समन जारी कर दिया जाता है। सीएम के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम होते हैं। उन्हें न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक दायित्वों का भी निर्वहन करना होता है। 

सीएम ने व्यस्त होने के बाद भी दिया है समय!
झामुमो ने कहा कि 29 से 31 जनवरी के बीच मुख्यमंत्री को जिला मुख्यालय में अबुआ आवास योजना के लाभुकों को स्वीकृति पत्र प्रदान करना है, बावजूद इसके मुख्यमंत्री ने पत्र भेजकर कहा है कि वे 31 जनवरी को ईडी के समक्ष पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे। सीएम चाहते हैं कि आम जनमानस में केंद्रीय एजेंसियों का सम्मान बचा रहे और कानून का भी पालन हो लेकिन इस बीच एजेंसी की आज की कार्रवाई गैर वाजिब और असंवैधानिक थी। 

बीजेपी के हाथ की कठपुतली बनी केंद्रीय एजेंसी
पार्टी महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि 20 जनवरी को 7 घंटे पूछताछ कर चुकी ईडी क्या और 2 दिन इंतजार नहीं कर सकती थी? ऐसी भी क्या जल्दीबाजी है? झामुमो ने इस प्रकरण को सीएम के साथ साथ राज्य की 3.5 करोड़ जनता का अपमान बताया। सवालिया लहजे में कहा कि ईडी केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के हाथों की कठपुतली बन गई है। केंद्रीय एजेंसियों के जरिए गैर बीजेपी शासित राज्यों में सरकारें बनाई और बिगाड़ी जा रही है। झामुमो ने सवाल पूछा है कि क्या राज्यों के सीएम के दिल्ली आने पर उनके साथ कुछ भी किया जा सकता है? क्या उन्हें अपने राज्य की सीमाओं में सीमित हो जाना चाहिए?