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झारखंड में 3 लाख सरकारी पद खाली, पर युवाओं को नहीं मिली नौकरी; लोबिन ने बेरोजगारी पर अपनी ही सरकार को घेरा

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरीय विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने रोजगार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य में 3 लाख सरकारी वेकैंसी है लेकिन युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही। राज्य की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा विभिन्न मंचों से किए जा रहे रोजगार के वादों और घोषणाओं के बीच लोबिन हेम्ब्रम के ताजा बयान से सियासत गरमा गई है। लोबिन हेम्ब्रम ने राज्य सरकार पर वादों से मुकरने का आरोप लगाया है। लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल के 4 वर्ष पूरे कर लिए हैं लेकिन काम नहीं हुआ।

3 लाख रिक्तियों को भरने के लिए नहीं उठाया कदम!
लोबिन हेम्ब्रम ने आरोप लगते हुए कहा कि सत्ता ग्रहण करते ही सीएम हेमंत सोरेन ने युवाओं से प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी देने का वादा किया था जिसे अब तक उन्होंने पूरा नहीं किया। ये सरकार जनता से किए हर वादे में खोखली साबित हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी विभागों में अब भी तकरीबन 3 लाख पद रिक्त हैं। सरकार इन रिक्तियों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है। इससे यह साबित होता है कि यह सरकार झारखंड की जनता के साथ वादाखिलाफी कर रही है।

4 सालों में स्थानीय नीति नहीं बना पाई सरकार!
लोबिन हेम्ब्रम ने झारखंड में अब तक स्थानीयता स्पष्ट नहीं होने को लेकर हेमंत सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि झामुमो ने घोषणापत्र में स्थानीय नीति लागू करने का वादा किया था लेकिन 4 साल के कार्यकाल में इस पर काम नहीं हुआ। झामुमो विधायक ने हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासियों को धोखा देने का आरोप लगाया। अर्जुन मुंडा के कार्यकाल में स्थानीयता के मुद्दे पर सरकार गिरने की घटना का जिक्र करते हुए लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि जब तात्कालीन सरकार स्थानीयता कानून लागू नहीं कर पाई तो हेमंत सोरेन ने 2013 में समर्थन वापस ले लिया था। अर्जुन मुंडा सरकार को गिराने के बाद खुद हेमंत सोरेन 14 महीने मुख्यमंत्री रहे लेकिन तब भी स्थानीयता कानून नहीं बना। 

पूर्ववर्ती सरकार के कार्यों का क्रेडिट लेने का आरोप
लोबिन ने हेमंत सोरेन पर मुफ्त का क्रेडिट लेने का भी आरोप लगाया है। कहा कि सरकार नियुक्ति पत्र बांटने में करोड़ों खर्च कर अख़बारों में प्रचार करवा रही है। जिन नियुक्ति पत्रों को हेमंत सोरेन बांट रहे हैं, उसकी नियुक्ति प्रक्रिया रघुवर सरकार के कार्यकाल के दौरान पूरी हुई थी। वह यहीं नहीं रूके बल्कि कहा कि उन नियुक्तियों को भी हेमंत सोरेन ने कोर्ट के आदेश पर ही पूरा किया।