द फॉलोअप डेस्क
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता और सामाजिक विषयों के जानकार डॉ तनुज खत्री ने ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर एंड्रयू फ्लेमिंग से शिष्टाचार मुलाकात की। यह मुलाकात विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही, ज्ञात हो की डॉ तनुज ने वर्ष 2017 में रांची विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुए लंदन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उस समय ब्रिटिश हाई कमीशन द्वारा आयोजित अध्ययन दौरे के तहत भारत के 13 छात्र नेताओं का एक दल यूनाइटेड किंगडम गया था। इस अवसर पर उन्होंने ब्रिटेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों, सरकारी संगठनों, और नीति निर्माताओं से मुलाकात कर अंतरराष्ट्रीय सहयोग और युवा नेतृत्व के महत्व पर चर्चा की थी।
एंड्रयू फ्लेमिंग और डॉ तनुज के बीच वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। विशेष रूप से झारखंड में विकास योजनाओं, सामाजिक न्याय, और शिक्षा में हो रहे सुधारों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। एंड्रयू फ्लेमिंग ने झारखंड में चल रही प्रमुख योजनाओं के बारे में जानकारी ली और राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका पर भी विचार किया।
इस चर्चा के दौरान दोनों देशों में युवाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं पर भी बातचीत हुई। डॉ तनुज ने झारखंड सरकार द्वारा संचालित विशेष छात्रवृत्ति योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें राज्य के वंचित और प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इन योजनाओं के तहत छात्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ाई के अवसर पा सकते हैं।
एंड्रयू फ्लेमिंग ने ब्रिटेन की छात्रवृत्ति योजनाओं पर भी जानकारी दी, जैसे कि चेवेनिंग स्कॉलरशिप, जिसके माध्यम से योग्य भारतीय छात्रों को ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ने का मौका मिलता है। दोनों ने इन योजनाओं के तहत झारखंड के छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करने की संभावनाओं पर विचार किया और छात्रों के कौशल विकास व वैश्विक ज्ञान में वृद्धि के लिए ऐसी योजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस मुलाकात में डॉ तनुज ने झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और आदिवासी समुदाय की सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य में महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के महत्व पर जोर दिया। एंड्रयू फ्लेमिंग ने इस दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की और झारखंड के युवाओं की क्षमता को सकारात्मक बदलाव का वाहक बताया। आखिर में, डॉ तनुज ने बताया कि झारखंड जैसे राज्य में अंतरराष्ट्रीय सहयोग से शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी क्षेत्र में व्यापक सुधार की संभावना है।