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झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्मू सोरेन ने कर दिया विधानसभा चुनाव की तैयारियों का शंखनाद

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

हालिया संपन्न लोकसभा चुनावों में दमदार मौजूदगी दर्ज कराने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्मू सोरेन अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। झारखंड विधानसभा के चुनाव अब केवल 5 माह दूर हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन ने आज गढ़वा के हुसैनाबाद निर्वाचन क्षेत्र से इशारों-इशारों में ही चुनावी बिगुल फूंक दिया है। गांडेय विधानसभा सीट से हाल ही में विधायक निर्वाचित होकर सियासी पारी का आगाज करने वालीं कल्पना मंगलवार को गढ़वा पहुंची थीं। मौका तो था कार्यकर्ता मिलन समारोह का लेकिन फिर बयानों, भाषणों और रणनीतियों से साफ हुआ कि दस्तूर दरअसल, विधानसभा चुनाव की शुरुआत का है।

यहां, मीडिया से मुखातिब कल्पना मुर्मू सोरेन ने साफ और सीधे शब्दों में बता दिया कि कार्यकर्ता, पदाधिकारी और विधायक-सांसद, लोकसभा में जीत की खुमारी से निकलें और विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जायें।

कल्पना ने कहा कि लोकसभा के रूप में हमने पहला पड़ाव पार किया है, आगे विधानसभा का चुनाव सिर पर है। हमें विधानसभा का पड़ाव भी कामयाबी के साथ पूरा करना है। 

गुरुजी और हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी बड़ी चुनौती
गौरतलब है कि गुरुजी की तबीयत अब ठीक नहीं रहती। हेमंत सोरेन पिछले करीब 150 दिनों से कथित जमीन घोटाला केस में जेल में हैं। ऐसे में अब सारा दारोमदार कल्पना मुर्मू सोरेन पर आ गया है। वैसे, देखा जाये तो लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्टार प्रचारक के रूप में कल्पना मुर्मू सोरेन ने जैसे प्रचार अभियान की कमान संभाली। जैसे सहानुभूति, विकास और आक्रामकता से लोगों को अपने साथ जोड़ा। विरोधियों पर हमले तेज किए। झामुमो के थिंक टैंक की च्वॉइस गलत नहीं थी। अब, कल्पना मुर्मू सोरेन के पास विधायी पद भी है। लोकसभा चुनाव में कैंपेन के नेतृत्व का अनुभव भी है। कार्यकर्ता उनको दिल से स्वीकार कर चुके हैं। महिलाओं में उनकी अपील है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में कल्पना मुर्मू सोरेन एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई करती नजर आयेंगी। हालांकि, कल्पना बहुत सधे हुए लहजे में कहती है। गुरुजी मार्गदर्शक हैं। हेमंत सोरेन जी से दिशा-निर्देश मिलता है। मैं तो बस सिपाही हूं। पार्टी के सिपहसालार जैसा बतायेंगे उसपर अमल करूंगी। लोकसभा में पार्टी की बेहतरी में कार्यकर्ता, पदाधिकारी और विधायकों का सबसे बड़ा योगदान है। 

सभी 81 सीटों पर तैयारियों में जुटा झारखंड मुक्ति मोर्चा
कल्पना मुर्मू सोरेन ने हुसैनाबाद में कहा कि हमारी तैयारी सभी 81 सीटों के लिए है। कार्यकर्ताओं को दूसरे दलों में क्या चल रहा है। कौन क्या कह रहा है, इस पर ध्यान देने की बजाय, अपने अगले टास्क के बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है। हमें सोचना है कि लोकसभा के बाद विधानसभा में और क्या बेहतर क्या जा सकता है। हम कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सकते हैं। कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि अगले 5 माह में हमारा एक ही लक्ष्य है। कैसे लंबित योजनाओं को धरातल पर उतारा जाये। कैसे, ज्यादा से ज्यादा झारखंडियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे योजनाओं की जानकारी आम जन तक पहुंचायें। कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन तो इस दिशा में बेहतरीन काम कर रहे हैं। अब कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि इसे तरीके से लोगों तक पहुंचायें। 

कल्पना मुर्मू सोरेन ने हुसैनाबाद में कहा कि विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है। अब बातें कम और काम ज्यादा करने का समय आ गया है। पार्टी लक्ष्य निर्धारित करेगी और कार्यकर्ता नेता उसे हासिल करने के लिए जीतोड़ मेहनत करें। ज्यादा सोचने का समय नहीं है। दूसरे की गलतियों पर खुश होने की जगह, अपनी ताकत और खामियों को पहचानें और उसी अनुरूप रणनीति बनायें। जीत हमारी होगी। 

गढ़वा-पलामू में कमजोर रहा है झामुमो का प्रदर्शन
गौरतलब है कि कल्पना मुर्मू सोरेन ने उस हुसैनाबाद से विधानसभा चुनाव अभियान का आगाज किया है जहां आमतौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा को कमजोर माना जाता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा को आमतौर पर कोल्हान और संताल में मजबूत माना जाता है। आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। लोकसभा चुनाव में भी एसटी आरक्षित सीटों पर झामुमो का सफलता शत प्रतिशत रही है तो अब चुनौती गैर आरक्षित सीटे हैं। इसी कड़ी में कल्पना ने चुनाव अभियान के आगाज के लिए हुसैनाबाद को चुना है। हालांकि, गौर करने लायक बात ये भी है कि हुसैनाबाद, गठबंधन में हमेशा आरजेडी के खाते में जाता रहा है। खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव हुसैनाबाद से चुनाव लड़ते रहे हैं। कई बार जीते भी। फिलहाल, इस सीट पर एनसीपी के कमलेश सिंह विधायक हैं।

दरअसल, झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बार गढ़वा और पलामू के उन गैर आरक्षित विधानसभा सीटों को साधना चाहती है जहां उसे अपेक्षाकृत कमजोर माना जाता है। रणनीति साफ है। अब झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्मू सोरेन खुद रण में उतर चुकी हैं। शंखनाद भी कर दिया है। चुनावी युद्ध की रणभेरी बज चुकी है।

झारखंड में विधानसभा चुनाव की आहट साफ सुनाई दे रही है।

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