रांची
JSSC- CGL परीक्षा में कथित गड़बड़ी को लेकर छात्रों के आंदोलन के अल्टीमेटम के बीच JSSC ने सफाई दी है। आयोग ने कहा है कि CGL परीक्षा में शिकायतकर्ता कोचिंग संचालक गड़बड़ी के सबूत नहीं कर पाये। आयोग ने कहा है कि 21 और 22 सितंबर को सीजीएल की परीक्षा 823 सेंटर पर हुई। इस परीक्षा से संबंधित परिवाद इस साल 26 सितंबर को राज्यपाल सचिवालय से प्राप्त हुआ। परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक से संबंधित परिवाद पत्र कुछ कोचिंग संचालकों के द्वारा राज्यपाल सचिवालय को एवं JSSC कार्यालय को सौंपा गया। लेकिन जांच का इंतजार किये बिना 26 सितंबर को एवं 30 सितंबर को सक्षम पदाधिकारी को सूचित किये एवं बगैर अनुमति प्राप्त किये सैकड़ों की संख्या में आयोग कार्यालय के समक्ष भीड़ इकट्ठा किया गया एवं पत्थरबाजी करायी गई। जिसमें कई पदाधिकारी घायल हुए। इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई है।
आयोग ने कहा, शिकायत में 5 आरोप लगाये गए थे और साक्ष्य के समर्थन में एक सीडी एवं एक पेन ड्राइव समर्पित किया गया था। जिसमें CD Blank पाया गया। परिवाद पत्र दायरकर्ताओं को शपथ पत्र के साथ मूल मोबाईल एवं विडियो समर्पित करने का नोटिस दिया गया जिसका पालन भी शिकायतकर्ताओं द्वारा नहीं किया गया।
आयोग ने आगे कहा है कि शिकायत पत्र में प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगाया गया था। लेकिन उसके साक्ष्य में कुछ प्रश्नों के वायरल उत्तर उपलब्ध कराये गये थे। परिवाद पत्र में वर्णित तीन आरोपों का प्रश्न पत्र लीकेज से कोई संबंध नहीं था। कुछ प्रश्नों के उत्तर परीक्षा से पहले लीक होने के संबंध में संलग्न फोटो और विडियो की जांच के क्रम में विडियो एवं फोटो बनाने के समय एवं तिथि Edited पाया गया।
कहा है कि आयोग के द्वारा दिनांक 16 दिसंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 तक कुल 2231 अभ्यर्थियों को Common Merit List से Short List करते हुए Document Verification के लिए आमंत्रित किया गया है। परीक्षा में शामिल सभी अभ्यर्थियों के ओएमआर की जांच एवं अंतिम परिमार्जित उत्तर कुंजी के आधार पर मूल्यांकन किया गया। इस दौरान विषय कोड में त्रुटियों का निराकरण करते हुए सभी ओएमआर का मूल्यांकन किया गया। ओएमआर के मूल्यांकन के बाद केन्द्रवार / जिलावार परिणाम का विश्लेषण किया गया। किसी भी परीक्षा केन्द्र में विसंगति नहीं पाई गई। परीक्षा का परिणाम केन्द्रवार सामान्य पाया गया।
आयोग ने कहा है कि प्रमाण पत्रों की जांच के लिए सूचना प्रकशित होने के बाद आयोग को ई-मेल के माध्यम से धमकी भरा पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें आयोग के पदाधिकारी / कर्मचारी को भद्दी गालियों के साथ जान से मारने की धमकी दी गई है, जो कि अनुचित है।
आयोग ने कहा है कि परीक्षा को कदाचार मुक्त करने के लिए सभी परीक्षा केन्द्रों पर प्रत्येक कमरे में कम से कम दो वीक्षक के अतिरिक्त प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा ऑबजर्वर, स्टेटिक दण्डाधिकारी एवं पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई थी। परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी रखने के लिए पर्याप्त संख्या में 15991 CCTV लगाये गये थे। किसी भी जिले के उपायुक्त द्वारा कदाचार संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। सभी 823 परीक्षा केन्द्रों पर कदाचार मुक्त, शांतिपूर्ण परीक्षा संपूर्ण हुई है।