द फॉलोअप डेस्क
झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने बुधवार को अपने अल्प सूचित प्रश्न के माध्यम से मनरेगा मजदूरों के बकाया मजदूरी एवं मनरेगा के सामग्री मद में केंद्र सरकार के पास बकाया राशि के भुगतान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंईया सम्मान योजना के तहत सरकार होली में महिलाओं एवं बहनों को सम्मान राशि का भुगतान कर चुकी है। लेकिन मनरेगा के मजदूरों को त्योहारों के अवसर पर भी भुगतान नहीं हो रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र, हरियाणा और अन्य प्रदेशों की तुलना में झारखंड में मनरेगा मजदूरी के कम दर का भी मुद्दा उठाया। कहा कि हरियाणा में जहां मनरेगा मजदूरों को 376 रुपए मिलते हैं झारखंड में 235 रुपए।
उन्होंने केंद्र से राशि नहीं मिलने के लिए दोषी पदाधिकारियों पर की गई कार्रवाई की भी जानकारी चाही। इसके जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने बताया कि केंद्र से राशि नहीं मिलने के लिए राज्य सरकार का कोई भी पदाधिकारी दोषी नहीं है। केंद्र सरकार ही पैसा देने में आनाकानी कर रहा है। केंद्र के पास मजदूरी मद में 484 करोड़ एवं सामग्री मध्य में 647 करोड़ बकाया है। बीच में खड़े होकर वित्त मंत्री रहे राधा कृष्ण किशोर ने बताया कि जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार के पास 6300 करोड़ रुपए एवं मनरेगा के बाद में लगभग 1100 करोड़ बकाया है। केंद्र से 16000 करोड़ रुपए अनुदान मद में मिलना है। जिसमें अब तक मात्र 11000 करोड़ ही मिला है। विभागीय मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कल्पना सोरेन को आश्वस्त कराया कि मजदूरी के दर में बढ़ोतरी एवं केंद्र से बकाया राशि प्राप्त करने के लिए विभाग प्रयासरत है। मुख्यमंत्री से भी इस विषय पर बातचीत हुई है। कल्पना द्वारा इस प्रश्न को उठाए जाने पर संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने राज्य हित का मुद्दा बताते हुए उन्हें धन्यवाद भी दिया।