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चंपाई सोरेन के कैबिनेट विस्तार में बचा है 24 घंटे से कम समय, कांग्रेस के खेमे में अब भी जारी है शह व मात का खेल 

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रांची 

चंपाई सोरेन की कैबिनेट विस्तार में अब 24 घंटे से भी कम समय बचा है। लेकिन कांग्रेस की ओऱ से अब तक बाकी तीन मंत्रियों के नाम नहीं सीएम चंपाई सोरेन को नहीं सौंपे गये हैं। इस वजह से राज्यपाल को भी संभावित कांग्रेस के मंत्रियों के नाम नहीं सौंपे गये हैं। इस बीच खबर है कि कांग्रेस के आठ मंत्रियों ने बारी-बारी से कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात की। इन विधायकों ने कहा है कि पुराने मंत्रियों को चंपाई कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाया जाये। मिली खबर के मुताबिक जिन तीन नामों पर जिच कायम हैं वे हैं बादल पत्रलेख, रामेश्वर उरांव और बन्ना गुप्ता। 

8 फरवरी को नहीं हो सका शपथ ग्रहण 
गौरतलब है कि चंपाई सोरेन की नेतृतव वाली सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार 16 फरवरी को होगा। कयास लगाया जा रहा हे कि नए मंत्रिमंडल में चार से पांच नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। इनमें दो मंत्रियों को डिप्टी सीएम का दर्जा मिलेगा। कांग्रेस कोटे से मंत्रियों का बदला जाना तय है। फिलहाल, चंपई सोरेन कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद पर जगह मिल चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, झामुमो की तरफ से मंत्रियों की लिस्ट तैयार हो चुकी थी, लेकिन कांग्रेस में खटपट ने मामला उलझा दिया। इसी का नतीजा है कि 8 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह नहीं हो सका। 


अंतिम फैसला दिल्ली में 
राज्य में कांग्रेस के 17 विधायकों में से चार महिलाएं हैं। इनमें से किसी एक को हेमंत सोरेन सरकार के समय से ही मंत्रिमंडल में जगह देने की मांग उठती रही है। खबर मिल रही है कि कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के नाम पर अंतिम फैसला दिल्ली में पार्टी आलाकमान द्वारा होना है। लेकिन आज रात तक भी स्थिति स्पष्ट हो सकी है। जेएमएम में हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन दोनों की मंत्री पद पर दावेदारी है, लेकिन इनमें से किसी एक को ही जगह मिलने की संभावना है। झारखंड में विधायकों का जो संख्या बल है, उसके हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में 11 मंत्री ही थे।