द फॉलोअप डेस्क
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि अब तक स्टैंडर्ड कृषि ऋण की ही माफी हो सकी है। इसके तहत उन किसानों के ऋण माफ हुए हैं जिन्होने नियमित ऋण का पेमेंट करते रहे हैं। अब जल्द ही उन किसानों के भी ऋण माफ किए जाएंगे, जिनका खाता एनपीए हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनकी बात हुई है। सहमति बन गयी है। इसके अलावा तिर्की ने कई भावी योजनाओं की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि विभाग अब छोटे छोटे कोल्ड स्टोरेजों के निर्माण पर जोर देगी। साथ ही राज्य में बचे हुए चार जिलों खूंटी, रामगढ़, धनबाद और बोकारो में प्रक्रियाधीन पांच हजार मीट्रिक टन के कोल्ड स्टोरेज का निर्माण जल्द कराएगी। शिल्पी ने कहा कि बड़े कोल्ड स्टोरेज का लाभ किसानों को कम मिल रहा है। क्योंकि कोल्ड स्टोरेज के बहुत दूर होने के कारण वहां तक किसान अपने उत्पाद को नहीं ले जा पाते। शिल्पी कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर गुरुवार को सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रही थी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र की जरूरत के अनुसार बकरी और भेंड़ वितरण की नीतियों में भी परिवर्तन किया जाएगा। मसलन पलामू में बकरी की जगह भेंड़ वितरण की मांग होती है।
जिले किसी खास उत्पाद के लिए चिह्नित किए जाएंगे
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के अलग अलग जिलों में अलग अलग तरह के कृषि उत्पादों की बहुलता है। मसलन खूंटी में महुआ अधिक होता है। इस आधार पर जिलों को उनके उत्पाद के अनुसार किसानों को प्रश्रय दिया जाएगा। ताकि वहां किसानों को उसके उत्पादन और मार्केटिंग में लाभ प्राप्त हो सके।
सीमांत किसानों के सामने चार मुख्य मुश्किलें
शिल्पी ने कहा कि सीमांत किसानों के सामने मुख्य रूप से चार तरह की मुश्किलें होती हैं। समय पर बीज मिले। बीज मिल गया तो वर्षा भी समय से हो। कृषि के लिए ऋण कहां से मिले। फिर उत्पाद हो गया तो उसे अच्छा मूल्य और बाजार उपलब्ध हो। उनका विभाग इन चारों विषयों पर विशेष फोकस कर काम कर रही है।
गिनायी विभाग की उपलब्धियां
कृषि मंत्री ने अपने विभाग की कई उपलब्धियां गिनायी। बताया कि 2020 में जहां प्रतिदिन 1.30 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता था आज यह बढ़ कर 2.50 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। मत्स्य उत्पादन में 10 और पशुपालन में सात फीसदी की वृद्धि हुई है। अब 34-36 फीसदी किसानों को समय पर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। केवल वर्ष 2024 को छोड़ कर जिसमें विधानसभा और लोकसभा के चुनाव के कारण आचार संहिता लागू था।16 लाख स्वायल कार्ड का वितरण किया गया।
किसने क्या कहा
मथुरा महतो-आलू उत्पादन को बढ़ाने पर सरकार जोर दे।
ममता देवी-गोला में कृषि बाजार का निर्माण हो। 2018 के फसल बीमा का भुगतान हो।
सरयू राय-विभाग परंपरागत रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करे। कृषि उत्पादन बाजार समितियों को उपयोगी बनाए।
दशरथ गगराई-बड़ा कान वाली बकरी नहीं दिए जाएं, क्योंकि इसकी जनसंख्या में वृद्धि कम होती है।
जयराम महतो-समय पर किसानों से धान का क्रय किया जाए। रोटा बेटर व मल्टी क्रॉप मशीन का क्रय विभाग बाजार से ऊंची कीमत पर कर रहा