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स्थानीय कलाकारों ने की मंत्री सुदिव्य सोनू से मुलाकात, झारखंड फिल्म नीति में बदलाव को लेकर हुई चर्चा

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द फॉलोअप डेस्क
देश आजादी की लड़ाई हो या फिर झारखंड को अलग करने की मांग स्थानीय कलाकारों ने हमेशा अहम भूमिका अदा की है। राज्य या देश के लिए कलाकार एक बौद्धिक संपदा के तौर पर होते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार ने अपने इस संपदा को और सशक्त करने के लिए आने वाले दिनों में झारखंड फिल्म नीति में बदलाव करने जा रही है। सुदूर गांव हो गांव हो या ब्लॉक वहां तक इन कलाकारों की मेहनत पहुंचे इसको लेकर भी रूपरेखा तैयार करने जा रही है। साउथ फिल्म इंडस्ट्री हो या बंगला या फिर फिर भोजपूरी ना सिर्फ कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है ब्लकि सरकार को भी एक बड़ा राजस्व का हिस्सा प्रदान करता है।  शायद इन्हीं सब कारणों की वजह से हेमंत सरकार ये चाहती है कि झॉलीवुड भी देश में अन्य फिल्म इंड्रटियों की तरह अपनी जगह बनाए। हालांकि फिल्म निर्माण को अभी उद्योग का दर्जा नहीं है लेकिन कलाकारों को सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं। 


राजनीतिक दलों को सामान्य तौर स्थानीय कालाकारों की आवश्यकता तभी समझ में आती है जब चुनावी सभा में भीड़ जुटानी हो या फिर किसी कार्यक्रम में रंग जमाना हो। लेकिन हेमंत सरकार इससे एक कदम बढ़कर स्थानीय कलाकारों को प्रमोट करने और बेहतर भविष्य देने की तैयारी में है। इसको लेकर आज मंत्री सुदिव्य सोनू ने अपने आवास पर अलग अलग भाषाओं और क्षेत्र से जुड़े कलाकारों को बुलाया था। ताकी उनके मन मुताबिक फिल्म नीति में संसोधन हो और उन्हें एक समाजिक सुरक्षा भी प्रदान की जाए


झारखंड के मल्टीप्लेक्स हो या सिनेमाघर उसमें पहला शो स्थानीय भाषा की फिल्मों के लिए आरक्षित हो। इस बात को लेकर आम सहमति बनी। इतना ही नहीं ग्राामीण इलाकों के सरकारी भवनों में नागपुरी, खोरठा, संथाली समेत अन्य स्थानीय भाषाओं की फिल्म दिखाने के लिए प्रोडयूसर को जगह मिले इस बात को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। सरकार जल्द ही झारखंडी कलाकारों को इंश्योरेंस  और पेंशन नीति से जोड़कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने जा रही है। 


वैसे बच्चे जो कला के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए फिलहाल सरकार के पास प्रोत्साहन की कोई योजना नहीं है।लेकिन आज की पहल देखकर यकिनन इस को कहा जा सकता है कि सरकार ना सिर्फ अपने बौद्धिक संपदा को बढ़ावा देने जा रही है बल्कि उन्हें सच्चा सम्मान भी दे रही है। सरकार के निर्णय के बाद झारखंड फिल्म इंडस्ट्री और कलाकारों को कितना लाभ होगा ये कहना फिलहाल थोड़ी जल्दबाजी होगी लेकिन इस पहल की तारीफ जरूर होनी चाहिए