द फॉलोअप डेस्क
राज्य सरकार ने जामताड़ा के एलआरडीसी पद के लिए 2021 में अधिसूचित किए गए प्रभात कुमार को दिए गए दंड को बरकार रखा है। हालांकि उनको दंड के रूप में मात्र निंदन की सजा मिली है। जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने 2021 में प्रभात कुमार को जामताड़ा के एलआरडीसी पद पर पदस्थापित किया था। लेकिन प्रभात कुमार अधिसूचित पद पर योगदान नहीं दिया। इस आरोप में उन्हें 14 जून 2024 को निलंबित कर दिया गया। बाद में उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलायी गयी। विभागीय कार्यवाही में पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए प्रभात कुमार ने कई तरह की परेशानियों का जिक्र किया। उसमें वृद्ध माता पिता का इलाज एवं सेवा के कारण उन्होंने समय पर योगदान नहीं देने की बात कही। इसके अलावा भी उन्होंने कई और भी परेशानियां बतायी। लेकिन अपने स्पष्टीकरण के साथ उन्होंने कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। तथ्य संलग्न नहीं किया। इस आधार पर उन्हें निलंबन मुक्त तो कर दिया गया लेकिन निंदन की सजा दी गयी। द्वितीय स्पष्टीकरण में भी स्पष्ट प्रमाण संलग्न नहीं किए जाने के कारण उनको दी गयी निंदन की सजा को बरकरार रखा गया है।
हजारीबाग के तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार निलंबित किए गए
पत्नी की हत्या के आरोपी हजारीबाग सदर के तत्कालीन एसडीएम अशोक कुमार को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। उन्हें 10 फरवरी 2025 को जेल भेजे जाने की तिथि से निलंबित किया गया है। उपायुक्त हजारीबाग द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने उन्हें निलंबित किया है। मालूम हो कि पत्नी की हत्या के आरोप में उनके विरुद्ध लोहसिंघना थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। उसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते हुए 10 फरवरी 2025 को जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग भेज दिया है। निलंबन संबंधी आदेश में कहा गाय है कि कारा से बाहर आने के बाद वह कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग में योगदान देंगे।