रांचीः
कल से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर घूम रही है, जिसमें देखा जा रहा है कि एक बीमार महिला को चादर में कुछ लोग टांग कर एयरपोर्ट से बाहर लेकर निकल रहे हैं। बताया जा रहा था कि यह तस्वीर रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की है। लोग एयरपोर्ट प्रबंधन पर यह आरोप लगा रहे हैं कि एयरपोर्ट अपने यात्रियों को तमाम सुविधाएं देने का दावा करता है लेकिन उसके पास अपना खुद का एक स्ट्रेचर या व्हीलचेयर तक नहीं है। ताकि अगर कोई बीमार व्यक्ति विमान से नीचे उतरता है तो उसे स्ट्रेचर पर लिटा कर या व्हीलचेयर में बैठाकर एयरपोर्ट के बाहर लाया जा सके। लोग लगातार इस तस्वीर को वायरल करते हुए एयरपोर्ट पर अपना गुस्सा निकाल रहे थे लेकिन बिरसा मुंडा हवाई अड्डा प्रबंधन ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इस खबर का खंडन किया है।
बेटे ने ही चादर निकाली थी
एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा है कि 8 सितंबर को एक महिला अपने पति और बेटे के साथ एयर एशिया की विमान से दिल्ली से रांची आई थी। एशिया के अधिकारियों से जानकारी मिली थी कि उस यात्री को दिल्ली में व्हीलचेयर की सुविधा दी गई थी तथा यात्री द्वारा बताया गया कि उन्हें अन्य कोई समस्या नहीं है। विमान के आगमन के बीच महिला यात्री को व्हील चेयर पर आने के दौरान बेहोश हो रही थी, यहां पहुंचने पर उनके बेटे ने उन्हें व्हीलचेयर से नीचे उतारा। इस दौरान मेडिकल कक्ष में डॉक्टरों को भी इस मैटर से सूचित कर दिया गया था औऱ डॉक्टर का इंतजार करने लगे। लेकिन उनके बेटे ने पल्स हॉस्पिटल के एंबुलेंस को पहले ही बुला रखा था, उनके बेटे द्वारा डॉक्टर का इंतजार नहीं किया गया उसने बैग से अपनी चादर निकाली मां को चादर में लेटाकर एंबुलेंस तक ले जाने का फैसला उनके बेटे ने ही किया।
बेटे को जल्दी थी
प्रबंधन की तरफ से उनको सहायता देने एवं स्ट्रेचर देने का अनुरोध किया गया लेकिन उनके बेटे ने कहा कि हमें जल्दी है और हमारा एंबुलेंस बाहर इंतजार कर रहा है। इस दौरान हवाई अड्डे पर जो कर्मी मौजूद थे उन्होंने उस यात्री को उचित सुविधा प्रदान की और उन्हें डॉक्टर की उपस्थिति में एंबुलेंस तक ले जाया गया।