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Ranchi : बंधु तिर्की का दिल्ली प्रवास, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और उप-प्रभारी उमंग सिंघार से की मुलाकात

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रांची: 

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विधायक बंधु तिर्की ने अपने दिल्ली प्रवास के पहले दिन कांग्रेस पार्टी के महासचिव के.सी वेणुगोपाल एवं झारखंड कांग्रेस कमिटी के सह-प्रभारी उमंग सिंघार से मिलकर संघटनात्मक चर्चा की एवं झारखंड के आदिवासियों एवं अल्पसंख्यकों की समस्याओं एवं उसके समाधान पर विस्तृत चर्चा किया।बंधु तिर्की ने बताया झारखंड की विडंबना रही है कि राज्य बनने के 21 वर्ष उपरांत भी आदिवासी समुदाय अपने हक अधिकार के लिए संघर्षरत हैं।

आदिवासियों ने कांग्रेस समर्थित महागठबंधन को चुना
बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य के पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों ने कांग्रेस समर्थित महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया था जिसका परिणाम रहा कि झारखंड में आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 सीटों में से 26 सीटें महागठबंधन के झोली में आई है। राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी।

राज्य के आदिवासियों को वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदें हैं। आदिवासियों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं का निराकरण कर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में जनजातीय समुदाय के वोटों को कांग्रेस के पक्ष में किया जा सकता है।

आदिवासियों के भूमि विवाद पर विशेष ट्रिब्यूनल हो
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि आदिवासियों की भूमि विवाद के समाधान तथा उनकी भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक हेतु त्वरित कार्रवाई हेतु विशेष ट्रिब्यूनल का गठन हो, आदिवासी समुदाय अपनी जमीन गिरवी (मॉर्गेज) कर वयवसाय हेतु कैसे सुगम ऋण प्राप्त करें इसके लिए सरकार पूंजी सुनिश्चित करें, तकनीकी और लिपिकीय  त्रुटि के कारण राज्य के छोटे-छोटे जनसमुदाय अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र और संवैधानिक अधिकारों से वंचित हो रहे हैं सरकार इन त्रुटियों का यथाशीघ्र समयवध समाधान निकालें।


झारखंड विधानसभा से पारित सरना कोड बिल को केंद्र सरकार से पारित कराने हेतु पार्टी चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तय करें। ऐसे ही आदिवासियों से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बंधु तिर्की ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया। साथ ही झारखंड में निवास करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम वर्ग के लोगों के बारे में अवगत कराते हुए कहा मुस्लिम वर्ग राज्य में हमेशा से कांग्रेस के साथ खड़ी रही है।

अलग राज्य आंदोलन में इस वर्ग का आंदोलन अहम
उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन में इस वर्ग का योगदान भुलाया नहीं जा सकता। वर्तमान सरकार से मुसलमानों को काफी उम्मीदें हैं। उनकी आकांक्षाओं पर हमारी सरकार को खरा उतरने के लिए उनकी कुछ महत्वपूर्ण मसलों का हल निकालना होगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में अल्पसंख्यक के लिए मात्र 70 करोड का बजट में प्रावधान किया गया था जो अत्यंत कम है। 

पार्टी को कई मुद्दों पर गहराई से विचार करना होगा
बंधु तिर्की ने कहा कि पड़ोसी राज्य बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश के तर्ज पर झारखंड राज्य में भी अल्पसंख्यकों के लिए बजट को बढ़ाया जाए उनके लिए अलग से शिक्षा विभाग, स्वास्थ्यविभाग, ग्रामीण विकास विभाग, और कृषि विभाग में अलग से बजटीय उपबंध कराई जाए।

आलिम(बी.ए),फाजिल(एम.ए) की परीक्षा विश्वविद्यालय स्तर पर कराई जाए वर्तमान में ये परीक्षाएं नियम विरुद्ध तरीके से झारखंड अधिविध परिषद द्वारा ली जाती है। ऐसी ही तमाम मुद्दों पर गहराई से पार्टी को विचार करने की आवश्यकता है।