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इस साल 18 मुखिया और 7 सरपंचों की हत्या बिहार का हाल बताने के लिए काफी हैं- प्रशांत किशोर 

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पटना 

बिहार में इस साल 18 मुखिया और 7 सरपंच की हत्या कर दी गयी है। ये आकड़े बिहार का हाल बताने के लिए काफी हैं। ये बातें आज जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने पटना में कही। प्रशांत दरअसल, जमुई में दारोगा की हत्या पर बोल रहे थे। बता दें कि जुमई में एक दारोगा पर बालू भरा ट्रैक्टर चढाकर उनकी हत्या कर दी गयी है। इससे बिहार में सियासी उबाल पैदा हो गया है। दारोगा की हत्या पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। बहरहाल, इस मामले के बहाने प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से राज्य सरकार पर निशाना साधा है। 

कहा, बिहार के लोग डरे हुए हैं
प्रशांत ने कहा है कि बिहार में लोगों के अंदर जो डर है, इस महागठबंधन की सरकार ने इसे चरितार्थ कर दिखाया है। अभी जो दारोगा की हत्या हुई है, हो ये उसका उदाहरण है। हाल ही में हम लोगों ने एक अध्ययन में पाया कि इस साल 18 मुखिया की हत्या हुई है। 7 चुने गए सरपंच मारे गए हैं। बाकी मारपीट डकैती, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाओं का तो हिसाब ही नहीं है। राज्य में प्रतिदिन अपराध की अनगिनत घटनाएं होती हैं। मीडिया के फुटेज और अखबारों के पन्ने इससे भरे पड़े रहते हैं।  

बिहार के लॉ एंड ऑर्डर की चर्चा खूब होती है 

जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में कुछ और चर्चा हो न हो लॉ एंड ऑर्डर की चर्चा जरूर होती है। जब मैंने पदयात्रा शुरू की थी तब महागठबंधन की सरकार बनी थी। बिहार में उस समय लोग दबी जुबान से आशंका जाहिर कर रहे थे कि महागठबंधन की सरकार बनी है। शायद लॉ एंड एंड ऑर्डर बिगड़ जाएगा। इसको लेकर लोगों के अंदर डर भी था। पदयात्रा करके जब मैं फरवरी मार्च में सिवान पहुंचा तो उसके बाद से रोजाना कोई न कोई आदमी मुझे बिहार में अपराध के बारे में बताता है।