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थाने का लॉकअप भी ओपन एयर कैफे से कम नहीं, नेताजी हिरासत में भी सोशल मीडिया पर लाइव आते हैं

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द फॉलोअप डेस्क
नमस्कार! स्वागत है आपका ‘गिरफ्तारी एक्सप्रेस’ में जहां अब गिरफ्तारी भी स्टेटस सिंबल हो गई है। जहां थाने की हवा खाकर नेताजी खुद को रिहा नहीं कराते, बल्कि मोबाइल नेटवर्क से लाइव होकर जनता को हालचाल बताते हैं!" शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज विवाद में भाजपा कार्यकर्ता अर्जुन साहू को कल देर रात हिरासत में लिया गया था। लेकिन हिरासत का मतलब क्या होता है ये हम और आप गरीब जनता के लिए है। नेताजी के लिए तो थाने का लॉकअप भी एक ओपन एयर कैफे से कम नहीं! 


हिरासत में लिए जाने के बाद नेता जी की हरकर के बारे में जानकर आपको जलन होगी। क्योंकि नेताजी हिरासत में होकर भी फेसबुक LIVE पर एक्टिव हैं। थाने से बाहर आकर धरना स्थल पर टहला रहे हैं और फोन भी चला रहे हैं। अब जनता पूछ रही है कि नेताजी क्या हाउस अरेस्ट में हैं या हाउस WiFi में? क्या हिरासत में अब मोबाइल नेटवर्क की फुल नेटवर्क सुविधा दी जाती है? क्या गिरफ्तारी का मतलब अब 'फ्लेक्सिबल डिटेंशन टाइमिंग' है?" "सदर थाना प्रभारी, अंचल अधिकारी, और SDPO भी मौके पर थे..लेकिन उनकी निगाहें अर्जुन जी के फोन के नेटवर्क पर नहीं, उनके फेसबुक कमेंट्स पर टिकी थीं शायद! 


पब्लिक पूछ रही है — क्या नेताजी गिरफ़्तारी के साथ ‘फ्री कॉलिंग और अनलिमिटेड इंटरनेट’ का रिचार्ज कराकर आए थे?" फिलहाल नेताजी छोड दिए गए है..सही पूछिये तो पकड़े ही कब गए थे, जब नेताजी खुदे फोन से लेकर रील बना रहे थे। तो दोस्तों, अगली बार जब आप सोचें कि गिरफ्तारी एक दुखद अनुभव है, तो अर्जुन साहू को याद कीजिए... और जान लीजिए कि अगर आपके पास नेता-लेवल नेटवर्क हो, तो ‘हिरासत’ भी हॉटस्पॉट बन सकती है!