द फॉलोअप डेस्क
अनुसंधान कार्य हेतु अनुसंधानकर्ताओं को मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के अंतर्गत जारी संकल्प में संशोधन किया गया है। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा एक संशोधित संकल्प जारी किया गया है। यह संशोधन पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव के आधार पर किए गए हैं। गृह विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी किया है।
संशोधित प्रावधानों के अनुसार, यदि किसी अनुसंधानकर्ता को राज्य सरकार की किसी अन्य योजना के अंतर्गत मोबाइल सेट की सुविधा अनुमोदित है, तो वह अनुसंधानकर्ता केवल एक ही स्रोत से मोबाइल फोन प्राप्त करने के पात्र होंगे। हालांकि, यदि किसी अनुसंधानकर्ता को पूर्व में राज्य सरकार की किसी योजना के तहत मोबाइल फोन उपलब्ध कराया गया है, परंतु वह फोन एंड्रायड वर्जन-13 से कमतर संस्करण का है, तो ऐसे अनुसंधानकर्ता इस योजना के अंतर्गत नया मोबाइल फोन क्रय करने के लिए अनुमन्य होंगे।
इसके अतिरिक्त, यदि किसी अनुसंधानकर्ता के पास पूर्व में प्राप्त मोबाइल फोन उनके पदनाम से संबंधित है, जिसे स्थानांतरण के उपरांत संबंधित पदाधिकारी को सौंपना होता है, तो वे अनुसंधानकर्ता भी इस योजना के अंतर्गत मोबाइल फोन क्रय करने के पात्र होंगे। यह सुविधा केवल उन्हीं अनुसंधानकर्ताओं को प्रदान की जाएगी जिनकी सेवा संपुष्ट हो चुकी है तथा क्रय की तिथि से उनकी न्यूनतम चार वर्षों की शेष सेवा होनी चाहिए।
हालांकि, झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा इस संबंध में जारी किए जाने वाले विस्तृत दिशा-निर्देश की तिथि से यदि कोई अधिकारी पिछले दो वर्षों से लगातार अनुसंधान कार्य में संलग्न नहीं रहा है, अथवा वह अनुसंधान का कार्य नहीं कर रहा है या अनुसंधानकर्ता की भूमिका में नहीं है, तो ऐसे पदाधिकारी इस योजना के अंतर्गत मोबाइल फोन प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे।