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35 हजार नियुक्तियां पर भाजपा ने राज्य सरकार पर उठाये सवाल, बिना नियोजन निति कैसे होगी नियुत्कि?

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में ये घोषणा वीर सरकार सिर्फ हवा हवाई घोषणा करती रही है। उन्होंने कहा लगभग पौने चार वर्ष में भी यह सरकार ने आज तक न एक फूल प्रूफ नियोजन नीति बना पाई और ना ही स्थानीयता को सही से परिभाषित कर पाई। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने ये बातें कही है. उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री ने अपने विधि विभाग के विधिक मुद्दों पर किए विरोध के बावजूद स्थानीय नियोजन नीति को पारित कराया जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। 1932 का कट ऑफ डेट सिर्फ एक सरकारी संकल्प से जारी हो सकता था।प्रतुल ने कहा की पौने 4 वर्षों में मुख्यमंत्री और उनके मंत्री अनेक गाड़ियां बदल चुके हैं।मंत्रियों के लिए करोड़ों रुपयों के आलीशान बंगले बन रहे हैं।लेकिन झारखंड के युवा आदिवासी मूलवासी बेरोजगारों को कोई पूछ नहीं रहा।

60-40 की नीति के तहत झारखंडी आदिवासी का हक मारने जा रही है सरकार

उन्होंने कहा की राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जिन 35 हजार नियुक्तियों की अगस्त से नवंबर के बीच में होने की बात की जा रही है आखिर उसकी बुनियाद क्या होगी ? प्रतुल ने कहा ऐसा प्रतीत हो रहा है की बिना नियोजन नीति और स्थानीयता परिभाषित किए सरकार एक बार फिर तृतीय और चतुर्थ वर्ग में 60-40 की नीति के तहत नियुक्ति कर के यहां के आदिवासी मूलवासी का हक मारने जा रही है।

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