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पाकुड़ के तीन सगे भाई-बहन ने एक साथ की नीट परीक्षा पास, माता-पिता ने ऐसे निभाया अहम रोल

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द फॉलोअप डेस्क
नेशनल इंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) जैसे देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में एक परिवार में कोई एक बच्चा सफल हो जाए तो बहुत बड़ी बात होती है। लेकिन किसी परिवार में एक साथ तीन-तीन बच्चे नीट पास कर लें तो एक बार में सुनने में ही विश्वास नहीं होता। दरअसल झारखंड के पाकुड़ जिले के पाकुड़ प्रखंड के भवानीपुर निवासी अकरम व तोलियारा खातून को उनके बच्चों ने अपनी मेहनत के बल पर वह खुशी दी है कि वो बयां भी नहीं कर पा रही है। सिर्फ परिवार व रिश्तेदार ही नहीं पूरे जिले के लोग उस परिवार की चर्चा कर रहे हैं। क्योंकि, उनके पुत्र जाईद, पुत्री अजीफा अनीसा ने नीट परीक्षा पास कर ली। जाईद अख्तर का ऑल इंडिया रैंक 7520, अजीफा परवीन का ऑल इंडिया रैंक 32850 और अनीसा तसनीम का ऑल इंडिया रैंक 36793 है। ऐसे में इन तीनो बच्चों ने एक साथ सफलता प्राप्त कर यह सिद्ध किया है कि मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है

माता-पिता शिक्षा के प्रति रहे गंभीर, सफलता में उनका रोल अहम
तीनों बच्चों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता अकरम हुसैन माता तुलियारा खातुन को दिया है। उनका कहना है कि उनकी शिक्षा के प्रति माता-पिता शुरू से ही गंभीर रहे हैं। उनकी सफलता में उन्होंने अहम रोल निभाया। इधर, जाईद अख्तर ने बताया कि वह आगे चल कर कार्डियो सर्जन बनना चाहता है। अजीफा की इच्छा भी सर्जन बनने की है। जबकि, तसनीम जनरल सर्जन बनकर लोगों की सेवा करना चाहती है।

पाकुड़ के बाहर ही हुई तीनों बच्चों की शिक्षा
तीनों बच्चों की शिक्षा पाकुड़ जिले से बाहर हुई है। दरअसल अकरम हुसैन पेशे से सरकारी शिक्षक हैं वे जमशेदपुर जिला के प्राथमिक विद्यालय धोबनी में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इसके कारण जाईद अख्तर की मैट्रिक की परीक्षा संत जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल मोसाबनी जमशेदपुर से 96 प्रतिशत अंक लाकर पास की। इंटर की परीक्षा शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल कोटा राजस्थान से 95 प्रतिशत अंक के साथ पास की। वहीं, अजीफा परवीन ने मैट्रिक की परीक्षा बिधान स्कूल दुर्गापुर से 88 प्रतिशत अंक के साथ, जबकि इंटर की परीक्षा संत जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल मोसाबनी से 83 प्रतिशत अंक के साथ पास की। अनीसा तसनीम ने मैट्रिक की परीक्षा संत जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल मोसाबनी से 92 प्रतिशत अंक के साथ और इंटर की परीक्षा शिव ज्योति इंटरनेशनल स्कूल कोटा राजस्थान से 90 प्रतिशत अंक के साथ पास की.

संघर्ष भरा रहा बच्चों के पिता का जीवन, मां ने भी दिखाया जज्बा
अकरम हुसैन का जीवन संघर्ष भरा रहा है। उन्हें पाकुड प्रखंड के भवानीपुर गांव में ही पारा शिक्षक के रूप में नौकरी मिली थी। इससे बच्चों को पढ़ाने में मुश्किल होते देख ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। इस बीच 2016 में जमशेदपुर जिला में प्राथमिक विद्यालय धोबनी में प्राइमरी शिक्षक के रूप में नौकरी मिली। तब वह परिवार के साथ गांव से जमशेदपुर चले गए। तीनों बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए राजस्थान का कोटा भेज दिया। दूसरी ओर मां ने भी बड़ी कुर्बानी दी। हॉस्टल का खर्च बचाने के लिए मां तोलियारा खातून भी दो साल तक कोटा में रही। बच्चों की देखरेख करती रही। अपने माता-पिता की कुर्बानियों की बदौलत बच्चों ने शानदार सफलता हासिल कर उन्हें जीवन की अनमोल खुशी दे दी।

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