logo

गर्मी को लेकर पासवा ने प्राइवेट स्कूलों से किया आग्रह, 19 जून से खोलें स्कूल

0133.jpg

द फॉलोअप डेस्क
भीषण गर्मी को देखते हुए प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन एसोसिएशन (पासवा) के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें सभी प्राइवेट स्कूलों से आवेदन किया है कि 19 जून से स्कूल खोलें। बैठक में आलोक दुबे ने कहा है कि अभिभावकों ने पासवा कार्यालय में आकर गर्मी छुट्टियां बढ़ाने की मांग की है। राज्य से दूरभाष पर भी लोगों ने संपर्क स्कूलों के ग्रीष्मावकाश बढ़ाने की मांग की है। पासवा अध्यक्ष ने कहा पूरे राज्य में भीषण गर्मी का कहर है,सुबह 9 बजे से ही गर्म हवाएं एवं लू चल रही है। पूरे राज्य में 42 से 44 डिग्री तापमान है। कल 12 जून से सभी स्कूल खुलने वाले हैं। इसलिए पासवा राज्य के सभी निजी विद्यालय संचालकों से आग्रह करती है कि बच्चों और अभिभावकों की सेहत और उनकी सुरक्षा को देखते हुए 17 जून तक स्कूल बंद रखें व 19 जून (सोमवार) से स्कूल खोलें।

10-12वीं में 80 प्रतिशत अंक लाने वाले स्टूडेंट्स होंगे सम्मानित
10 वीं एवं 12 वीं में 80 प्रतिशत और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले सीबीएसई, आईसीएसई, जैक बोर्ड के विधार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। पासवा द्वारा राज्यस्तरीय छात्र प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कर 15 हजार से अधिक बच्चों को जुलाई के पहले सप्ताह में सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में आलोक दूबे ने कहा पिछले वर्ष 8 अगस्त को पासवा ने 10 हजार से अधिक बच्चों को सम्मानित कर कीर्तिमान स्थापित किया था। इस वर्ष 15 हजार बच्चों को सम्मानित करने का लक्ष्य रखा गया है, जो इस देश का अबतक का सबसे बड़ा सम्मान समारोह होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पासवा कार्यालय में 15 जून से प्रारंभ हो जाएगी।

आरटीई कानून में जमीन की बाध्यता नहीं
बैठक में पासवा उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को मान्यता देने के लिए जमीन की बाध्यता गलत है। पिछली सरकार द्वारा लागू 2019 आरटीई संशोधन कानून जिसमे मध्य विद्यालय वर्ग कक्षा 1 से 8 तक के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 1 एकड़ और शहरी क्षेत्रों में 75 डिसमिल जबकि प्राथमिक विद्यालय वर्ग कक्षा 1 से 5 तक के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 60 डिसमिल और शहरी क्षेत्रों में 40 डिसमिल जमीन की बाध्यता की गई है वो सरासर ग़लत है। मूल आरटीई कानून में जमीन की बाध्यता नहीं है। उसमें सर्वकालिक भवन की बात की गई है। मतलब विद्यालय के पास एक ऐसा भवन होना चाहिए जो सर्दी, गर्मी तथा बरसात तीनों मौसम में बच्चों की पढ़ाई हो। मौके पर संजय प्रसाद, आलोक बिपीन टोप्पो, राशीद अंसारी, मनोज कुमार भट्ट, फिरोज रिजवी मुन्ना, कुमुद रंजन, रुपेश कुमार, अमीन अंसारी, माजिद आलम, अल्ताफ अंसारी मुख्य रुप से उपस्थित थे।

हमारे वाट्सअप ग्रुप से लिए इस लिंक पर क्लिक करें : https://chat.whatsapp.com/FUOBMq3TVcGIFiAqwM4C9N