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सियासत : पीएम मोदी के साथ सीएम हेमंत का वो 50 मिनट, बदले-बदले सरकार नजर आये

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डेस्क: 

तारीख थी 6 मई 2021। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने एक ट्वीट किया और बवाल मच गया। सीएम हेमंत सोरेन ने लिखा था। आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते। मुख्यमंत्री के इस ट्वीट की देशव्यापी आलोचना हुई। किसी ने इसे बेतुका बताया तो किसी ने कहा कि पीएम के साथ होने वाली किसी ऑफिशियल बातचीत की सार्वजनिक मंच पर आलोचना मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देती। खैर बात आई-गई हो गई।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमकर की तारीफ
उस ट्वीट को करने से लेकर कुछ महीने पहले तक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निगाहों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) कोई काम नहीं कर रहे थे। केवल बातें कर रहे थे। झारखंड (Jharkhand) की उपेक्षा कर रहे थे। झारखंड में सियासी संकट तक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जिम्मेदार थे। कोल रॉयल्टी से लेकर कोरोना में दी जाने वाली मदद तक के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और फिर तारीख आई 12 जुलाई 2022। पीएम की आलोचना वाले ट्वीट के ठीक 1 साल 2 महीने बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सुर बदल गये हैं। मिजाज बदला-बदला नजर आ रहा है।

1 साल 2 महीने पहले तक झारखंड में उपजी हर समस्या के लिए पीएम की आलोचना करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब उनका शुक्रिया करते नहीं थक रहे। झारखंड में मंगलवार को शुरू की गई कई परियोजाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने पीएम के प्रति इतनी कृतज्ञता प्रकट की है कि एकबारगी समझ नहीं आता कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं कि बीजेपी शासित राज्य के मुख्यमंत्री। 

मुख्यमंत्री के अंदर आये बदलाव की हो रही चर्चा

आज से ठीक 1 साल 2 महीने पहले पीएम मोदी की आलोचना में किए गये ट्वीट से खलबली मचाने वाले सरकार बदले-बदले नजर आ रहे हैं। सियासी पंडित कह रहे हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के दरकार भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। दरअसल, मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर आये। उम्मीद से अलग, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शेड्यूल से काफी पहले ही एयरपोर्ट पहुंच गये थे। बकायदा प्रधानमंत्री के आने का इंतजार किया। प्रधानमंत्री आये तो गर्मजोशी से स्वागत किया। मंच पर भी साथ आये।

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को शॉल ओढ़ाया और और हंसते हुए स्मृति चिह्न भेंट की। इस दौरान पीएम और सीएम में गजब की आत्मीयता दिखी। राजनीति के दो ध्रुवों के बीच आमतौर पर इतनी गर्मजोशी नहीं दिखती। मुख्यमंत्री पूरे 52 मिनट तक प्रधानमंत्री के साथ मंच पर रहे। जब संबोधन की बारी आई तो कहा कि हमने देवघर एयरपोर्ट (Deoghar Airport) का सपना देखा था।

प्रधानमंत्री ने यहां आकर इसे साकार किया। ये हमारे लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि की वजह से साहिबगंज में अंतर्देशीय जलमार्ग का सपना सच हो सका। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करता हूं। सीएम ने कहा कि आज झारखंड में पीएम मोदी के हाथों करीब 17 हजार करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है। ये परियोजनाएं भविष्य में झारखंड के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।

देखा आपने। मुख्यमंत्री का पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को झारखंड के लिए मील का पत्थर कहना यूं ही नहीं है। इसके सियासी मायने हैं। ये तारीफ और शुक्रिया का जो सिलसिला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुरू किया है वो बीजेपी और झामुमो के बीच रिश्तों में आई नरमी का संकेत है। कहते हैं कि सियासत में एक दल का नेता दूसरे दल के नेता से बिना मतलब चाय पर भी नहीं मिलता और यहां तो शुक्रिया और तारीफ की बरसात हो रही है। सियासत में इसका होना बेहद अहम है। इसके मायने हैं। 

सीएम ने पीएम के स्वागत में दिखाई गर्मजोशी
ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री के स्वागत को लेकर आज कार्यक्रम वाले दिन ही गर्मजोशी दिखाई है। बीते 2 -3 दिनों से मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर खासे सक्रिय हैं। पहली बार ऐसा दिखा है कि किसी गैर-बीजेपी अथवा एनडीए गठबंधन से अलग किसी मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर कार्यक्रम स्थल में जाकर प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऐसा किया है। वे कार्यक्रम से 2 दिन पहले देवघर पहुंचे। बाबा वैद्यनाथ धाम, एयरपोर्ट परिसर, रोड शो स्थल तथा उन सभी स्थानों पर खुद जाकर तैयारियों की समीक्षा की। सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

पीएम मोदी के दौरे को लेकर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए और जरूरी निर्देश दिया। कार्यक्रम वाले दिन मंच से मुख्यमंत्री ने झारखंड में चल रही विकास परियोजनाओं के लिए पीएम का शुक्रिया अदा किया। बोले कि, जो राज्य बीते काफी समय से जहां का तहां खड़ा दिखता था आज केंद्र के सहयोग से हिलता-डुलता नजर आ रहा है। कहा कि यदि केंद्र का सहयोग ऐसे ही मिलता रहे। जनता ने भी साथ दिया तो मैं वादा करता हूं कि अगले 5 सालों में झारखंड की देश के सबसे अग्रणी राज्यों की श्रेणी में ला खड़ा करूंगा।

संबोधन खत्म करने से पहले भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रति हैरान कर देने वाला सम्मान प्रकट किया। बोले कि, मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं लेकिन अभी नहीं कहूंगा। आपलोग पीएम मोदी को सुनने आये हैं। मैं भी चाहता हूं कि हमें उनका आशीर्वाद मिले। देखिये। जो पीएम, आज से कुछ महीने पहले तक जिस मुख्यमंत्री को फूटी आंख नहीं सुहा रहा था, आज उन्हीं का आशीर्वाद लेना चाहते हैं। इसे क्या कहेंगे। 

प्रधानमंत्री ने नहीं किया सीएम हेमंत का जिक्र
मंच से अपने संबोधन के दौरान जहां मुख्यमंत्री ने कम से कम 6 बार प्रधानमंत्री का जिक्र किया। शुक्रिया कहा वहीं प्रधानमंत्री ने बस संबोधन की शुरुआत में 1 बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम लिया।

सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में केंद्र राज्य सहयोग तथा संबंध की बात की। इशारों-इशारों में सहयोग भी मांगा लेकिन पीएम ने एक बार भी नहीं कहा कि केंद्र राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी और ना ही सीएम के कामों की सराहना की।

ये नजारा देख सियासी लोग पूछ रहे हैं। इस प्यार को क्या नाम दूं।