द फॉलोअप डेस्क
झारखंड की राजधानी रांची से एक बड़ा पोस्ट ऑफिस घोटाला सामने आया है। धुर्वा उप डाकघर के कई अकाउंट होल्डर के अकाउंट से अवैध निकासी कर ली गयी है। जैसे ही ये खबर निकल कर सामने आयी, उसके बाद से धुर्वा पोस्ट ऑफिस में अपना अकाउंट चेक करने वालों की भीड़ लग गयी है। जानकारी के अनुसार MIS वाले अकाउंट से ज्यादातर रुपये की निकासी हुई है। मामला सामने आने के बाद आनन - फानन में डाकघर के चार कर्मी को निलंबित तो कर दिया गया लेकिन अभी भी कई सवाल हैं जो जिन्दा हैं। आइये विस्तार से इस रिपोर्ट में पोस्ट ऑफिस घोटाला के बारे में आपको बताते हैं। पहले ये जानिये कि आखिर ये पोस्ट ऑफिस घोटाला है क्या? दरअसल रांची धुर्वा उप डाकघर से लगातार ये खबर निकलकर सामने आ रही थी कि वहां के अकाउंट होल्डर के अकाउंट से पैसे अवैध तरीके से निकाले जा रहे हैं। ज्यादातर पैसे MIS अकाउंट से निकाले जा रहे हैं। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये MIS क्या है। दरअसल पोस्ट ऑफिस में एक स्कीम चलता है। जिसे MIS यानी मंथली इंटरेस्ट स्कीम कहा जाता है। इस स्कीम के तहत आप एक बार अपनी मोटी रकम डाकघर में जमा कर दीजिए उसके बाद हर महीने आपको इंटरेस्ट मिलता जायेगा। वह इंटरेस्ट आप चाहें तो निकाल सकते हैं या फिर चाहें तो अकाउंट में ही रहने दे सकते हैं। यह जो घोटाला हुआ है, ज्यादातर ऐसे ही अकाउंट से हुआ है। मतलब कोई कहीं से रिटायर हुआ और उसके बाद जो मोटी रकम उसे मिली उन्होंने जमा किया यह सोचकर कि उन्हें ब्याज मिलता रहेगा, लेकिन यहां तो पूरा पैसा ही साफ़ हो गया है। जिनके पैसे की अवैध निकासी हुई है, उसमें कई आर्मी और एयर फ़ोर्स से रिटायर लोग भी शामिल हैं।
कौन-कौन लोग बने निशाना
सोमवार को कुछ लोग रांची के सांसद संजय सेठ से मुलाकात करने पहुंचे। लोगों ने सांसद को बताया कि कैसे उनके डाकघर के अकाउंट से अवैध निकासी कर ली गयी है। एयर फ़ोर्स से रिटायर एक ऑफिसर की पत्नी भी पहुंची थी। उन्होंने बताया कि पति के रिटायरमेंट के बाद उन्होंने 15 लाख रुपये धुर्वा पोस्ट ऑफिस में MIS के रूप में जमा किया। कुछ सालों तक तो उन्हें हर महीने इंटरेस्ट मिलता रहा। लेकिन एक दिन पोस्ट ऑफिस जाकर उन्होंने अपना खाता चेक किया, तो पता चला कि उनके अकाउंट से पूरा पैसा ही गायब हो गया है। इसी तरह आर्मी से रिटायर सोना तिर्की की पत्नी नीलिमा तिर्की ने बताया कि उन्होंने दो बार में नौ-नौ लाख रूपये MIS में जमा किये। हर महीने इन्हें पांच हज़ार चार सौ 75 रुपये इंटरेस्ट मिलता था। जब ये अपना अकाउंट चेक करने पहुंची तो पता चला इनके भी अकाउंट से अवैध निकासी कर ली गयी है। इनके अकॉउंट से नौ लाख रुपये गायब हैं।
इस तरह खुली कारनामे की पोल
दरअसल ये मामला तब सामने आया जब 2010 में HEC से रिटायर हुए जगारोपण प्रसाद सिंह हर महीने की तरह अपना ब्याज लेने पहुंचे। उन्हें डाकघर में बताया गया कि उनके अकाउंट में पैसे ही नहीं हैं। उसके बाद से जगारोपण प्रसाद सिंह का बेटा चंद्रशेखर अधिकारियों से मिलकर जानकारी के लिए भटकता रहा। लेकिन कहीं से कोई सटीक जवाब नहीं मिला। उसके बाद धुर्वा थाना में उन्होंने FIR दर्ज करवाया और बताया कि कैसे उनके अकाउंट से 9 लाख रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी। जैसे ही ये खबर मीडिया के माध्यम से सामने आई, कई लोग सामने आने लगे। अब तक 5-6 लोग सामने आकर यह बता चुके हैं उनके अकाउंट से लाखों की अवैध निकासी कर ली गयी है।
पोस्ट मास्टर ने चार कर्मियों को किया निलंबित
मामला जब सामने आया तो धुर्वा के पोस्ट मास्टर राम चरण उरांव ने घोटाले में चार कर्मियों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया। उन्होंने बताया कि ज्यादातर वैसे लोगों के पैसे की अवैध निकासी हुई है जिनके अकाउंट अभिकर्ता संतोष कुमार सिंह के जरिये खोले गये थे। पोस्ट मास्टर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मामले में जो भी दोषी होंगे, उनपर कार्रवाई होगी। पोस्ट मास्टर ने बताया कि अगर जरुरत पड़ी तो दोषियों की सैलरी के पैसे काटकर लोगों को पैसे चुकाये जायेंगे।
कौन हैं ये संतोष कुमार सिंह
संतोष कुमार सिंह डाकघर का एक अधिकृत अभिकर्ता यानी एजेंट था। लोगों ने बताया कि संतोष पैसा जमा कराने के बाद पासबुक भी अपने पास रख लेता था। कई लोगों से तो वह ब्लैंक चेक में साइन कर करवाकर भी रख लेता था और उसी से अवैध निकासी कर लेता था। जानकारी के अनुसार संतोष कुमार सिंह का निधन हो चुका है। उनके निधन हो जाने के बाद ही ये मामला निकलकर सामने आया है। जानकारी यह भी मिल रही है कि संतोष कुमार सिंह बिहार के कुर्था विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चूका है। बिहार और झारखंड में वह करोड़ों की सम्पति का मालिक था।
सांसद के आदेश के बाद DIG ने दिये हैं जांच के आदेश
पीड़ित लोग जब सोमवार को सांसद संजय सेठ से मिले तो उन्होंने मौके से ही डीआईजी अनूप बिरथरे से फोन पर बात की और मामले की जांच का निर्देश दिया। उसके बाद सभी पीड़ित डीआईजी और सिटी एसपी से मिले। जानकारी के अनुसार पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिलता है या नहीं, दोषियों को सजा मिलती है या नहीं।
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