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ED अधिकारियों की हत्या कराना चाहता था प्रेम प्रकाश, नक्सली सहित इस गैंगस्टर से किया था संपर्क

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द फॉलोअप डेस्क
3 नवंबर को होटवार जेल में हुई छापेमारी में ईडी के हाथ कई साक्ष्य लगे हैं। इन सबूतों से कई हैरान करने वाले राज खुले हैं। जमीन घोटाला केस को लेकर जेल में बंद आरोपी प्रेम प्रकाश को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। हिन्दुस्तान अखबार में छपी एक खबर के अनुसार प्रेम प्रकाश ED अधिकारियों की हत्या की साजिश रच रहा था। इसके लिए उसने नक्सलियों के साथ बैठकर प्लानिंग भी की थी। जो खबर लिखी है उसके अनुसार ED अधिकारियों की हत्या करने के लिए नक्सलियों के साथ-साथ प्रेम प्रकाश ने गैंगस्टर अमन साव गिरोह से भी संपर्क किया था। इस संबंध में कई जानकारी मिली है। वहीं प्रेम प्रकाश की तमाम गतिविधि को लेकर जेल के कैदियों ने कई बार ईडी को पत्र लिखने की कोशिश की, लेकिन ईडी तक ये पत्र जेल प्रशासन ने पहुंचने ही नहीं दिया। अब इस मामले को लेकर सियासत भी गर्मा गई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए सीएम हेमंत पर जनकर निशाना साधा है।

जेल अधीक्षक और जेलर को समन करेगी ईडी
अखबार की खबर के अनुसार जेल में बंद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों की मदद के लिए जेल नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है। जेल प्रशासन ने प्रेम प्रकाश की मूवमेंट से जुड़े कई सीसीटीवी फुटेज डिलिट किए हैं। प्रेम प्रकाश किससे मुलाकात करते थे इसकी भी सीसीटीवी फुटेज हटाई गई है। इस सभी मुद्दों पर पूछताछ के लिए ईडी जल्द ही जेल अधीक्षक हामिद अख्तर और जेलर नासिम खान को समन करेगी। खबर के अनसुार सोमवार के बाद ईडी कभी भी उन्हें समन कर सकती है।

जेल दलालों के सिंडिकेट का एक अड्डा बन चुका है
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म  'एक्स' पर लिखा कि कल ED ने राँची के जेल में छापेमारी की और पाया कि होटवार जेल एक जेल नहीं बल्कि “दलालों के सिंडिकेट” का एक अड्डा बन चुका है। दलाल और बिचौलिये जेल में यातनाएं नहीं झेल रहे है बल्कि मौज मस्ती कर अपराध को बढ़ाने की रणनीति बना रहे है। इन दलालों के पास सुख-सुविधा के सारे साधन मौजूद है। जेल में बैठे-बैठे ये ट्रांसफ़र पोस्टिंग का धंधा कर रहे है, ED के अफ़सरों के ख़िलाफ़ साज़िश कर रहे है।


हेमंत सरकार का हटना सिर्फ़ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के सुरक्षा के लिए जरूरी
बाबूलाल ने आगे लिखा कि आम तौर पर अपराधियों को जेल का ख़ौफ़ दिखा कर, क़ानून का भय दिखा कर अपराध करने से रोका जाता है। परंतु हेमंत सोरेन ने एक ऐसा काला साम्राज्य खड़ा कर दिया है, जहाँ पर जेल यातना का नहीं बल्कि अपराध करने का अड्डा बन गया है। पूरे सरकार का हेड ऑफिस मानों जेल में शिफ्ट हो चुका है। हेमंत सरकार का हटना सिर्फ़ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के सुरक्षा एवं  एवं क़ानून का राज क़ायम करने के लिए अत्यंत ज़रूरी है। झारखंड की प्रतिष्ठा और साख ख़तरे में है।

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