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मेन रोड हिंसा के आरोपियों के खिलाफ मुकादमा चलाने की तैयारी, DC ने विभाग से मांगी अनुमति

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रांचीः
10 जून 2022 को रांची के मेन रोड में हुए हिंसा को लेकर जिन 11 आरोपितों का नाम दर्ज हुआ था, उनके खिलाफ अब मुकदमा चलाने की तैयारी है। दरअसल रांची डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने इसके लिए गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से परमिशन मांगी है। जैसे ही विभाग से अनुमति मिलती है वैसे ही आरोपितों के खिलाफ मुकादमा चलाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि इस मामले की जांच साआईडी कर रही है, हालांकि सीआईडी की तरफ से अब तक कोई ठोस पक्ष नहीं रखा गया है। वहीं यह मामला रांची के डेली मार्केट थाना में दर्ज है। सीआईडी के अनुशंसा पर ही रांची डीसी ने मंजूरी देते हुए विभाग से अनुमति मांगी है। आरोपियों के खिलाफ धारा 153 (ए), 153एए व 295ए भादवि (भारतीय दंड विधान) तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। 


इन आरोपियों के खिलाफ चल सकता है मुकदमा

1. मो साबिर अंसारी, पिता अब्दुल गफ्फार,  इस्लाम नगर पथलकुदवा चौक, थाना लोअर बाजार, जिला रांची

2. मो. सरफराज, पिता नसीम अख्तर, पता- बालूमाथ थाना बालूमाथ जिला लातेहार।

3. मो तबारक कुरैशी, पिता मामुन कुरैशी, पता गुदढ़ी चौक, इमारत सरिया गली, थाना लोअर बाजार, जिला रांची।

4. मो शहबाज, पिता मुस्ताक हुसैन, सा० साउथ स्ट्रीट, कुर्बान चौक थाना हिंदपीढ़ी, जिला रांची।

5. मो उस्मान उर्फ करण कच्छप, पिता विशु कच्छप, पता पथलकुदवा इस्लाम नगर थाना लोअर बाजार, जिला रांची।

6. मो. अफसर, पिता सरफराज आलम, पता कलाल टोली थाना लोअर बाजार, जिला रांची।

7. मो अरमान हुसैन (अप्राथमिकी अभियुक्त) पिता रेयाश पता निजाम नगर, थाना हिन्दपीढ़ी, जिला रांची।

 8. मो रमजान, पिता मो कलीम, पता निजाम नगर हिंदपीढ़ी, थाना हिन्दपीढ़ी, जिला रांची।

9. मो अमजद, पिता स्व० रसीद, पता हिन्दपीढ़ी नियर गोपाल गली वंशी चौक, थाना हिंदपीढ़ी, जिला रांची।

10. मो. माज, पिता मो कलाम उर्फ असरफ पता नेजाम नगर मोती मस्जिद जावेद स्ट्रीट के पास, थाना हिंदपीढ़ी, जिला रांची।

11. मो. इरफान अंसारी उर्फ इरफान उर्फ जुबेर आलम, सा० इरगु पहाड़ी टोला थाना सुखदेवनगर जिला रांची 

सरकार से मांगी गई है रिपोर्ट

घटना वाले दिन ही दो आरोपियों की जान चली गई थी। इस मामले की जांच में विलंब होने पर राज्यपाल रमेश बैस पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में रिपोर्ट भी मांगी थी। झारखंड हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि मामले में पुलिस व सीआइडी से अलग-अलग जांच कराने से ऐसा लग रहा है जैसे सरकार आरोपितों को बचाना चाहती है।