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राष्ट्रपति ने आदिवासी मुद्दों पर ही JMM प्रतिनिधिमंडल को नहीं दिया समय : विनोद पांडेय 

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
राष्ट्रपति से मिलने का समय नहीं मिलने पर झामुमो ने तीखा प्रहार किया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने राष्ट्रपति की ओर से समय न मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे दुर्भाग्य बताया है। दरअसल, 4 मार्च को झमुमो द्वारा राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा गया था। पत्र में इंडिया गठबंधन के नेता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलना चाहते थे। इस पर राष्ट्रपति भवन से जवाब आया और कहा गया कि समय न होने की वजह से फिलहाल राष्ट्रपति इंडिया गठबंधन के नेताओं से नहीं मिल पाएंगी।

आदिवासी मुद्दों लेकर मिलना चाहता था इंडिया गठबंधन 
झामुमो प्रवक्ता विनोद पांडेय ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि झारखंड के लोगों के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है। विनोद पांडेय ने कहा कि राष्ट्रपति से मिलने के लिए झामुमो ने पत्र भेजकर समय मांगा था। लेकिन राष्ट्रपति भवन से मिली सूचना के मुताबिक समय का आभाव बता कर समय नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड की अस्मिता से जुड़े 3 मामले को लेकर इंडिया गठबंधन का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलना चाहता था। उन्होंने कहा कि झारखंडियों की पहचान सरना धर्म कोड की लंबे से समय से आदिवासी मांग कर रहे हैं। लेकिन अब तक इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाया गया। उसी प्रकार झारखंड में आरक्षण की मांग भी अरसे से चली आ रही है लेकिन अब तक आरक्षण बिल पास नहीं हो सका। तीसरा खतियान आधारित नियोजन निति बनाने को लेकर इंडिया गठबंधन राष्ट्रपति से मिलना चाहते थे।

महागठबंधन के कई बिल को राजभवन ने लौटाया 
विनोद पांडेय ने हेमंत सोरेन के कार्यकाल में पारित हुए कई बिल का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि जिस वादे के साथ हम सत्ता में आये थे उन वादों को धरातल पर उतारने का भरसक प्रयास किया। हम लोगों ने 1932 खतियान आधारित नियोजन निति को कैबिनेट और विधानसभा से पास करके राजभवन भेजा। लेकिन राज्यपल ने इस बिल वापस लौटा दिया। उसी प्रकार हमने आरक्षण बिल को पारित कर राजभवन भेजा। आरक्षण बिल को असंवैधानिक बता कर लौटा दिया गया। सरना धर्म कोड को पास करके राजभवन भेजा लेकिन अब तक उसपर कोई पहल नहीं किया गया। विनोद पांडेय ने कहा कि एकबार फिर राष्ट्रपति को पत्र भेजकर मिलने के लिए समय मांगी जाएगी।