द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के विभिन्न जिलों में चल रही उत्पाद सिपाही की परीक्षा युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है। परीक्षा के दौरान दौड़ में हिस्सा ले रहे दस युवाओं की जान जा चुकी है। मृतकों के परिजन जहां मामले में सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा है। उत्पाद सिपाही की शारीरिक दक्षता परीक्षा में गिरिडीह के पिंटू कुमार रजक की मौत हो चुकी है। वह जादूगोड़ा स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दक्षता परीक्षा के तहत हुई दौड़ में शामिल हुआ था।
इसके अलावा गया के अमरेश कुमार, लखीसराय के सर्वेश यादव, ओरमांझी के अजय कुमार महतो, गोड्डा के प्रदीप कुमार, गया के अभिषेक कुमार, धनबाद के सुमित कुमार, रामगढ़ के महेश मेहता और गिरिडीह के सूरज वर्मा का नाम शामिल है। मरनेवालों में एक अन्य युवक हजारीबाग स्थित पद्मा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दौड़ में हिस्सा ले रहा था। युवाओं की मौत की वजह बताते हुए स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन सेंटरों में शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जा रही है वहां चिकित्सा सुविधा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए हैं।