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जमशेदपुर : हाजत से कार्यकर्ताओं को भगाने के आरोप से बरी हुए रघुवर दास, नहीं मिला साक्ष्य..केस खत्म

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रांचीः 
2007 का एक मामला है जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर आरोप लगा था कि उन्होंने हाजत से भाजपा कार्यकर्ताओं को भगाया है। इस मामले में आज चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए विशेष अदालत में सुनवाई हुई। जहां रघुवर दास के साथ ही सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। यानि यह केस खत्म हो गया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ-साथ आरोपी बनाए गए सभी नेताओं को बरी कर दिया। गौरतलब है कि मामला जमशेदपुर में स्थित कदमा थाने की हाजत का है। 


क्या है मामला 
मामला 24 अप्रैल 2007 का है। कदमा थाना पुलिस ने मंदिर की चहारदीवारी विवाद प्रकरण में भाजपा कदमा मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष सुधांशु ओझा, उमेश सिंह, भुवनेश्वर सिंह, राजेश सिंह राजकुमार राय को हाजत में बंद कर दिया था। उसी दिन शाम 6.15 बजे रघुवर दास अपने कार्यकर्ताओं के साथ कदमा थाना से पांचों आरोपियों को निकाल ले गए। इस घटना को लेकर उनके खिलाफ कदमा थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 


इन लोगों के नाम थे केस में
इस मामले में रघुवर दास के साथ राजकुमार सिंह, कुलवंत सिंह बंटी, विनोद सिंह, देवेंद्र सिंह, रामबाबू तिवारी, राजहंस तिवारी, मुकुल मिश्रा, विकास सिंह, नंदजी प्रसाद, राजीव नंदन सिंह, अजीत सिंह, ललन द्विवेदी, देवानंद झा, सुबोध श्रीवास्तव, बटेश्वर पांडेय, सुधांशु ओझा, उमेश सिंह, भुवनेश्वर सिंह, राजकुमार राय तथा राजेश सिंह को आरोपी बनाया गया था।