द फॉलोअप डेस्क
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज रांची के मारू टावर स्थित प्रदेश मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान प्रतुल ने राज्य सरकार पर राज्य के प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं को टारगेट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से शिक्षण संस्थानों में छापेमारी हो रही है, उससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अपने हार से बदहवास होकर किसी भी हद तक नीचे गिर जा रही है। प्रतुल ने कहा कि यह राज्य सरकार के द्वारा शिक्षण संस्थानों में आतंक का राज्य स्थापित करने की कोशिश है। हेमंत सरकार को तब मुंह की खानी पड़ी, जब सरला बिरला स्कूल और विश्वविद्यालय से चुनाव से संबंधित ना नकद बरामद हुआ ना कोई दस्तावेज।सरला-बिरला और उषा मार्टिन में हुई छापेमारी
जिस तरीके से प्रतिष्ठित सरला बिरला स्कूल और उषा मार्टिन विश्वविद्यालय में राज्य पुलिस ने सरकार के इशारे पर छापेमारी की यह अति निंदनीय है। प्रतुल ने कहा की सरला बिरला समूह 1913 से ही राज्य में अपनी सेवा दे रहा है। शुरुआत अस्पताल से हुई थी। अब यह राज्य के अति प्रतिष्ठित स्कूल और निजी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित हो गया है। सिर्फ सरला बिरला शिक्षण संस्थानों में 1041 लोग नौकरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। यहां 12000 बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिलती है। इस तरह हिमाद्री ग्रुप के द्वारा संचालित उषा मार्टिन विश्वविद्यालय में भी हजारों बच्चों को उच्च कोटि की शिक्षा मिलती है।राज्य पुलिस के द्वारा इन संस्थाओं को टारगेट करना सब दिख रहा है कि राज्य सरकार शिक्षण व्यवस्था को पंगु बनाना चाहती है। सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों के साथ हुई बदसलूकी
इस दौरान प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार ने सरला बिरला विश्वविद्यालय में छापेमारी के दौरान सभी सीमाएं पार कर दी। सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की गई। कोई सर्च वारंट नहीं दिखाया गया। चुनाव आयोग से प्राप्त कोई निर्देश की कॉपी नहीं दिखाई गई। रेड करने गए अधिकारियों ने कहा कि यह छापेमारी SSP के मौखिक आदेश पर हो रही है। राज्य सरकार और राज्य पुलिस ने उस समय प्रदेश को शर्मसार किया, जब वह बिना नामजद वारंट के विश्वविद्यालय के महानिदेशक और प्रसिद्ध शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ गोपाल पाठक के आवास में घुस गए। गोपाल पाठक के आवास में भी स्टाफ के साथ बदसलूकी की गई। इस छापेमारी से एक बात स्पष्ट हो गयी है कि अपनी हार को देखकर हेमंत सोरेन इतने बदहवास हो गए हैं कि वह फेयरवेल गिफ्ट में शिक्षा व्यवस्था को पंगु बनाने में लगे हैं। वहीं, इस प्रेस वार्ता में तारिक इमरान मौजूद रहे।