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रांची : खतरे में पहाड़ी मंदिर का अस्तित्व, तेजी से हो रहा अतिक्रमण, प्रशासन सुस्त

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रांचीः 

पहाड़ी मंदिर के आधे हिस्से में लोग झोपड़ीनुमा घर बनाकर रहने लगे हैं। पहले प्लास्टिक, तिरपाल का झोपड़ी बनाकर यहां लोग रहते थे, लेकिन अब पक्की दिवारें भी बनाई जा रही है। कब्जा बढ़ता ही जा रहा है। पहले सौ, दो सौ लोग रहते थे, अब यहां की आबादी करीब 600 के करीब पहुंच गई है। यहां रहने वाले लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैया करा दिया गया है, जिससे यहां से हटने के बजाय लोग और यहां बसते ही जा रहे हैं।  मंदिर के आसपास अवैध निर्माण किए जा रहे हैं। मंदिर का क्षेत्र छोड़ दे तो उसके चारों ओर जहां भी थोड़ी जगह लोगों को दिखाई दे रही है वहां झुग्गी झोपड़ी का निर्माण कर दिया जा रहा है। पहाड़ी मंदिर के पिछले क्षेत्र में तेजी से अतिक्रमण हो रहा है। अतिक्रमण की रफ्तार इतनी तेज है कि अगर इसे रोका नहीं गया तो लोग पहाड़ों पर भी झुग्गी झोपड़ी का निर्माण करना शुरू कर देंगे। आज दैनिक अखबार प्रभात खबर में इस बाबत एक रिपोर्ट भी छपी है। 


पक्की घरें भी बनाई जा रही 
कई जगहों पर तो इट और सीमेंट की दीवारें भी खड़ी कर दी गई है। इस क्षेत्र में कई सालों से रह रहे बुजुर्गों और जो पिछले सालों से यहां दुकान लगा रहे हैं उन लोगों को कहना है कि पहाड़ी का क्षेत्र 26 एकड़ 13 कड़ी के गोलाकार में फैला हुआ है। जिला प्रशासन को जब इसकी शिकायत की जाती है तो अतिक्रमण हटा दिया जाता है लेकिन फिर कुछ दिन बाद लोग यहां अवैध निर्माण करने लगते हैं। साल 2018 में तत्कालीन एसडीओ गरिमा सिंह ने पहाड़ी मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। उस वक्त कार्रवाई भी हुई थी लेकिन फिर प्रशासन के सुस्त पड़ते ही लोगों ने कब्जा जमाना शुरू कर दिया। आसपास के क्षेत्र का लगातार दोहन होने से भी पहाड़ को काफी नुकसान पहुंचा है।  पहाड़ी मंदिर परिसर में लोगों ने बसने के लिए यहां पेड़ काट दिए। डेवलपमेंट के नाम पर प्रशासन ने भी पहाड़ी मंदिर को काफी नुकसान पहुंचाया है।