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झारखंड की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि, GSDP में 7.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान

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द फॉलोअप डेस्कः
बजट सत्र के चौथे दिन वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की तुलना में राज्य में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में जीएसडीपी अधिक होगी। आकलन के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष 2024- 25 में 6.7% की वृद्धि होने का अनुमान है। वहीं अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में 7.5% की वृद्धि का अनुमान है। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2024-25 में स्थिर मूल्य पर 68,612 रुपये और वर्तमान मूल्य पर 1,14,271 रुपये और स्थिर मूल्य पर 72,836 रुपये और वर्तमान मूल्य पर 5,56,286 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसके वर्तमान मूल्य पर राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1,24,079 होने का अनुमान है।


राजकीय अर्थव्यवस्था में लगातार वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार राजकीय अर्थव्यवस्था में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले 3 वर्षों में खासकर साल 2021-22 और 2023-24 के बीच राज्य के स्थिर मूल्य पर जीएसडीपी में औसतन वार्षिक 7.7% और वर्तमान मूल्य पर जीएसडीपी में 10.7% की दर से वृद्धि हुई है। इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्थिर मूल्य पर 6.7% और वर्तमान मूल्य पर 9.8% की वृद्धि होने का अनुमान है। वहीं बात यदि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से राज्य की तुलना करें तो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में झारखंड के जीएसडीपी में पिछले 5 वर्षों में सुधार हुआ है. वर्ष 2019-20 में राज्य का जीएसडीपी देश के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद का 1.59% था जो वर्ष 2023- 24 में बढ़कर 1.64% हो गया।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 से 2023-24 के बीच यानी 5 वर्षों में राज्य का कुल व्यय 10.4% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा है. वर्ष 2018-19 में राज्य का कुल व्यय लगभग 65,888 करोड़ रुपये था जो वर्ष 2022-23 तक बढ़कर 91,638 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 1,07,921 करोड़ रुपये हो गया. चालू वित्तीय वर्ष में इसके 1,28,900 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।


रिपोर्ट के अनुसार राजकोषीय घाटा भी लगातार बढ़ा है. वर्ष 2023-24 में राज्य का राजकोषीय घाटा राज्य के जीएसडीपी का सिर्फ 1.4% था, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष में या जीएसडीपी का 1.9% रहने का अनुमान है। हालांकि पिछले 5 वर्षों में यानी 2018-19 से लेकर 2023-24 में राज्य के राजस्व प्राप्तियां औसतन 9.4% की वार्षिक दर से बढ़ी है. राज्य अपने संसाधन के जरिए आय बढ़ाने में सफल रहा है। जिसके तहत औसतन 12.5% की वार्षिक दर से वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1,10,800 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का अनुमान है. चालू वित्तीय वर्ष में कर राजस्व से 74,538.22 करोड़ और गैर कर राजस्व से 36261.8 करोड़ रुपये की प्राप्ति होने का अनुमान लगाया गया है।

 

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जो इकोनामिक सर्वे है वह झारखंड के एकदम फैक्ट पर आधारित है, जो वास्तविकता है. इस राज्य की आर्थिक सामाजिक स्थिति है उसका उल्लेख आर्थिक सर्वे में किया गया है। आप देखेंगे कि रेवेन्यू एक्सपेंडिचर और रेवेन्यू कलेक्शन हेमंत सोरेन जी के विगत 5 वर्षों के पूर्व की सरकार से बहुत ज्यादा बेहतर है. प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है तो यूं ही नहीं बढ़ी है, रुरल सेक्टर में काम हुए हैं तब जाकर प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ शहरी क्षेत्रों में नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में भी उनके बीच में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। जहां तक कि कुछ सेक्टर में तो देखिए यह सिर्फ 5 -6 वर्षों की तुलना आप नहीं कर सकते हैं। जब से ये राज्य बना है उस समय की पूर्ववर्ती सरकार को जिस दिशा में जिस विजन के साथ काम करना चाहिए था उस विजन के साथ लोगों ने काम नहीं किया, यही वजह है कि कुछ सेक्टर में हम पीछे चल रहे हैं।