रांची
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स निदेशक की बर्खास्तगी पर बड़ा निशाना साधा। कहा कि विगत दिनों हुई रिम्स शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार का विरोध करने तथा अनुचित भुगतान के आदेश को न मानने के कारण डॉ. राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि जानकारी मिली है कि शासी परिषद की हालिया बैठक में निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को बिना किसी अनुबंध के करोड़ों रुपये का भुगतान करने का दबाव स्वयं स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय सचिव द्वारा रिम्स निदेशक पर डाला जा रहा था। इस दौरान विभागीय सचिव ने शासी परिषद की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने की कोशिश की। अनुचित भुगतान का दवाब नहीं मानने के साथ ही निदेशक ने उस बैठक में अपने इस्तीफ़ा तक दे देने की बात कह दी थी।
कहा कि अब सरकार ने रिम्स निदेशक को पद से हटाकर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि रिम्स में भ्रष्टाचार का खेल यूं ही चलता रहेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछले कार्यकाल में भी अनुचित दवाब नहीं मानने के चलते रिम्स के कई निदेशकों को समय पूर्व इस्तीफ़ा देकर यहाँ से जाना पड़ा। यदि सरकार को गवर्निंग बॉडी की सलाह नहीं माननी, तो फिर औपचारिकता की बैठक करने से बेहतर इसे भंग कर देना ही उचित होगा। कहा कि अत्यंत दुखद है कि हेमंत सोरेन ने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को अपने संगठित भ्रष्टाचार का केन्द्र बना दिया है।