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पलामू में सत्यानंद भोक्ता से क्यों नाराज हैं RJD कार्यकर्ता, तेजस्वी के साथ मंच साझा नहीं करने पर उठे सवाल

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

क्या पलामू संसदीय सीट पर झारखंड में आरजेडी के एकमात्र विधायक और चंपाई कैबिनेट में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता भीतरघात कर रहे हैं। पलामू संसदीय सीट पर ममता भुइयां को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे आरजेडी के नेता और कार्यकर्ताओं ने सत्यानंद भोक्ता को लेकर खुलकर नाराजगी जताई है। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सत्यानंद भोक्ता ने पलामू संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार के दरम्यान पूरी तरह से असहयोग आंदोलन चला रखा है। वे न तो पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में नजर आते हैं और न ही किसी जनसंपर्क अभियान में। आलम तो ये है कि सत्यानंद भोक्ता पार्टी के शीर्ष नेताओं की जनसभाओं से भी दूर नजर आ रहे हैं। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिस सत्यानंद भोक्ता को पार्टी ने इतना कुछ दिया है वह, पार्टी के लिए चवन्नी भर की सहायता करने को तैयार नहीं दिखते। इसे लेकर कार्यकर्ताओं, समर्थकों और नेताओं में बहुत नाराजगी है। सत्यानंद भोक्ता पर ये भी आरोप लगे हैं कि वह विपक्षियों के साथ मिलकर अपने ही गोलपोस्ट में गेंद डालने पर उतारू हैं।

 

पलामू में आरजेडी की ममता भुइयां मैदान में
दरअसल, झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से इंडिया गठबंधन की ओर से आरजेडी को पलामू सीट मिली है। यहां ममता भुइयां उम्मीदवार है। वहीं, झारखंड में सत्यानंद भोक्ता आरजेडी के एकमात्र विधायक हैं। वह चंपाई कैबिनेट में मंत्री भी हैं। ऐसे में पार्टी संगठन को उनसे उम्मीद थी कि वो पलामू सीट आरजेडी के खाते में डालने के लिए प्रत्याशी ममता भुइयां के पक्ष में जनसमर्थन जुटाएं। कार्यकर्ताओं का मार्दर्शन करें। पार्टी के शीर्ष नेताओं का चुनावी रणनीति बनाने में सहयोग करें। प्रत्याशी के साथ गांव-गांव घूमें, वोट मांगें और जनसमर्थन जुटाएं लेकिन सत्यानंद भोक्ता पूरे चुनावी कैंपेन में ही ईद का चांद हो गये हैं। ढूंढ़े नहीं मिल रहे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि सत्यानंद भोक्ता इक्का-दुक्का बार कहीं दिखे भी तो केवल फोटो खिंचाने को। 

तेजस्वी के मंच पर भी नहीं दिखे सत्यानंद भोक्ता
चुनाव प्रचार में सत्यानंद भोक्ता के असहयोग आंदोलन का आलम ऐसा है कि वह अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेता की सभा तक में शामिल नहीं हुए। दरअसल, पिछले 1 सप्ताह में तेजस्वी यादव ने 2 बार पलामू में जनसभा को संबोधित किया। इनमें से किसी भी जनसभा में सत्यानंद भोक्ता नहीं दिखे। उन्होंने तेजस्वी के साथ मंच साझा नहीं किया। झाऱखंड आरजेडी के नेता कहते हैं कि इससे ज्यादा खिलाफत और क्या हो सकती है। केवल इतना ही नहीं। शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा की तरफ से इंडिया गठबंधन की स्टार प्रचारक कल्पना मुर्म सोरेन ने भी पलामू के चिनियां में जनसभा को संबोधित किया था। सत्यानंद भोक्ता यहां भी नजर नहीं आये। अब तो कार्यकर्ता सवाल भी पूछ रहे हैं कि आखिर सत्यानंद भोक्ता कहां हैं। क्या कर रहे हैं। 

संजय प्रसाद यादव ने की थी भोक्ता की शिकायत
इस बीच झारखंड आरजेडी के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव ने बताया है कि उन्होंने 2 साल पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को सत्यानंद भोक्ता को लेकर आगाह किया था। पार्टी को बताया था कि आरजेडी कोटे से मंत्री रहते सत्यानंद भोक्ता प्रदेश में पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। उनको आरजेडी से ज्यादा विपक्षियों के बीच मन लगता है। अब जबकि सत्यानंद भोक्ता पलामू में चुनाव प्रचार से दूर हैं तो आरोपों में दम दिखता है। दिलचस्प बात ये भी है कि सत्यानंद भोक्ता ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही पलामू से आरजेडी प्रत्याशी के रूप में पोस्टर छपवा लिया था। अब वह चुनाव प्रचार से दूर हैं। नेताओं के ही मंच में नजर नहीं आ रहे। कहां हैं ये तो वही जानें। कार्यकर्ता नेता बहुत नाराज हैं।

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