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झारखंड में कैंसर की भयावह स्थिति पर संजय सेठ ने लोकसभा में उठाई आवाज, कैंसर को अधिसूचित बीमारियों की सूची में शामिल करने की मांग की

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 
कैंसर की बीमारी देश की बड़ी समस्या बन चुकी है। देश में यह जिस गति से बढ़ रही है, वह भयावह है। इस दिशा में हमें ठोस काम करने की आवश्यकता है। सेठ ने आंकड़ों पर चर्चा करते हुए बताया कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में औसतन हर नौवें आदमी को कैंसर है। दरअसल नियम 377 के तहत कैंसर को अधिसूचित बीमारी की सूची में शामिल करने को लेकर सांसद संजय सेठ ने लोकसभा में यह मांग की है। 

कैंसर से साल 2018 से 2022 के बीच झारखंड में 93 हजार से अधिक लोगों की गई जान 

उन्होंने कहा कि नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के आंकड़ें के अनुसार साल 2018 से 2022 के बीच भारत में 38 लाख से भी अधिक कैंसर मरीज़ों की मौत हुई है। झारखंड में भी इसी दौरान 93 हजार 648 लोगों की मौत कैंसर से हुई है। उन्होंने संसद में अनुरोध किया कि कैंसर की भयावह स्थिति के मद्देनज़र इसे तत्काल अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में डाला जाए। इससे हम हर केस की ट्रैकिंग कर सकेंगे। और फिर हमारे पास सटीक आंकड़ें भी होंगे। इससे हम कैंसर से ज्यादा मजबूती से लड़ पाएंगे। कैंसर से संबंधित मामलों के लिए बनी संसदीय समिति पहले ही इसकी सिफारिश कर चुकी है। उन्होंने स्थिति की भयावहता को देखते हुए कहा कि अब जरूरी है कि कैंसर को अधिसूचित बीमारियों की श्रेणी में डाला जाए। इसके रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाए ताकि इसकी भयावहता को हम रोक सकें।

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