द फॉलोअप डेस्क
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है। इस योजना के तहत लाभुकों को मिलने वाली राशि जिम्मेदार पदाधिकारियों की मिलीभगत से उनके परिजनों के खातों में भेज दी गई। महिला पर्यवेक्षिका मुनू पंडा ने योजना की राशि अपने पति और रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करवा ली।
मामला सामने आने के बाद बरहेट के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई और संबंधित राशि की वसूली भी करवाई गई। इस मामले में महिला पर्यवेक्षिका मुनू पंडा के साथ-साथ बीडीओ सोमनाथ बनर्जी पर भी आरोप तय किए गए। दिसंबर 2024 में साहेबगंज के उपायुक्त ने इस संबंध में सरकार को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था। इसके बाद कार्मिक विभाग ने तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। जवाब की समीक्षा के पश्चात उन्हें भविष्य में सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।
जांच में यह सामने आया कि मुनू पंडा ने लाभुकों के खाता नंबरों को बदलकर अपने हस्ताक्षर से उन्हें सत्यापित कर दिया था, जिससे किसी को संदेह नहीं हुआ। इसी वजह से वह अपने, अपने पति और सास के खातों में योजना की राशि भेजने में सफल रहीं। बताया गया कि मुनू पंडा ने 3,500 आवेदनों का भौतिक सत्यापन किया था और उन पर हस्ताक्षर भी किए थे। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए बीडीओ ने इन आवेदनों की अनुशंसा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को भेज दी थी।
बीडीओ सोमनाथ बनर्जी ने बताया कि वह एक साथ चार पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे – मूल रूप से बीडीओ बरहेट, साथ ही सीओ बरहेट, प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार भी उनके पास था। साथ ही, सीएम के विधानसभा क्षेत्र में विधि-व्यवस्था संबंधी कार्यों में व्यस्तता के कारण वे सभी आवेदनों की पूरी तरह से जांच नहीं कर सके। सरकार द्वारा दिए गए जवाब की समीक्षा के उपरांत उन्हें सचेत रहने की चेतावनी दी गई है। वहीं महिला पर्यवेक्षिका मुनू पंडा पर कार्रवाई संबंधित विभाग द्वारा की जा रही है। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।