logo

नलिन सोरेन में इतनी ताकत नहीं कि मुझे जनता से मिलने और सच बोलेने से रोक देंः सीता सोरेन

लोतेगूो.jpg

द फॉलोअप डेस्कः
नलिन सोरेन के एक बयान की खूब चर्चा हो रही है। जिसमें उन्होंने कहा है कि गीता कोड़ा पर हमला होना कोई अचरज की बात नहीं है क्योंकि झामुमो के विरोध में कोई भी विपक्षी प्रत्याशी बोलेगा तो उसे ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने शिबू सोरेन की बहु सीता सोरेन को भी चेतावनी देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान झामुमो पार्टी के विरोध में बोलने पर उनके साथ भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस बयान को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने नलिन सोरेन को घेरा है। इधर दुमका से बीजेपी की प्रत्याशी सीता सोरेन भी नलिन सोरेन पर बिफरी हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि "नलिन सोरेन जी जरा अपने महल से निकलकर जनमानस के बीच जाएं, तो शायद आपको अहसास हो जाए कि जेएमएम और उसके भ्रष्टाचारी आकाओं के लिए प्रदेश तथा दुमका की जनता में कितना आक्रोश है। रही बात आपकी गीदड़ धमकी की, तो आपके बाजुओं और लाठियों में अभी इतनी ताकत नहीं कि वो मुझे जनता से मिलने, सच बोलने और संवाद करने से रोक सके।"

 


सीता सोरेन यहीं नहीं रूकी उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए लिखा है कि "गीता कोड़ा जी पर जेएमएम कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया कायराना हमला, हार के सच को बदलने की वजह से किया गया था। आप इस कुकृत्य पर छाती चौड़ी करना छोड़ दें, वरना प्रदेश की जनता जेएमएम और आप जैसे नेताओं का वो हस्र करेगी, कि नींद में भी एक ही जैसे सपने हर रोज आकर बहुत सताएंगे। नलिन सोरेन जी दुमका मेरा परिवार है, और परिवार से मिलने से कोई भी तानशाही शक्ति मुझे न तो डरा सकती है, और न ही रोक सकती है।  खैर आपकी गीदड़ धमकियों के लिए शुक्रिया। ये पब्लिक है, सब जानती है।"


इस मामले में बाबूलाल मरांडी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि  "सीता सोरेन जी ने 3 लगभग डेढ़ दशक तक झामुमो विधायक के रूप में पार्टी की सेवा की। यदि उन्होंने अपने साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार और साजिश के विरोध में पार्टी छोड़ी तो क्या झामुमो उन पर जानलेवा हमला करा देगा!" बाबूलाल ने कहा कि "नलिन सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता का यह वक्तव्य झामुमो के उस अंदरूनी खूनी मानसिकता को भी उजागर करता है, जिसमें हेमंत सोरेन का विरोध करने वालों पर जानलेवा हमला भी कराया जा सकता है। कहीं दुर्गा सोरेन जी की मौत भी इसी खूनी मानसिकता का परिणाम तो नहीं है!"। मालूम हो कि बीते दिनों सीता सोरेन ने भी खुद बीजेपी ऑफिस में बैठकर कहा था कि मेरे पति की मौत स्वाभाविक नहीं है। बाबूलाल मरांडी ने नलिन सोरेन को उनके इस वक्तव्य पर जवाब देते हुए कहा है कि "वज़ह जो भी हो, झामुमो द्वारा भाजपा की महिला प्रत्याशियों पर हमले की धमकी देना उनके कायरता और चुनाव के पूर्व ही पराजय को दर्शाता है। चुनाव आयोग और Jharkhand Police  से आग्रह है, गीता कोड़ा जैसा जानलेवा प्रकरण सीता सोरेन के साथ भी ना हो, इसके लिए उचित कारवाई सुनिश्चित करें। डीजीपी इसका संज्ञान लें…"


क्या है मामला 
बता दें कि रविवार को सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को लोगों ने पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, तलवार, लाठी-डंडे के साथ घेर लिया था। वह गम्हरिया प्रखंड के मोहनपुर में जनसंपर्क अभियान के तहत पहुंची थीं। इस दौरान लोगों ने उनको घेर लिया था। गीता कोड़ा वहां भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ पहुंची थीं, लेकिन लोगों ने उन्हें गांव में घुसने से रोक दिया। जब उन्होंने दूसरे रास्ते से गांव में एंट्री की तो एक ट्रैक्टर और 10 बाइक पर करीब 50 लोग वहां पहुंचे। गीता के मुताबिक वे झामुमो समर्थक थे। यहां भाजपा-झामुमो समर्थक आपस में भिड़ गए। उन्होंने समझाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। भाजपा समर्थकों ने भी गीता के समर्थन में नारे लगाए। इसके बाद दोनों ओर से धक्का-मुक्की और मारपीट हुई। इसमें गीता के पीए गणेश, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रश्मि साहू, गणेश महाली, अमित सिंह आदि घायल हो गए। ग्रामीणों ने गीता कोड़ा वापस जाओ के नारे लगाए थे।

Tags - Sita Soren JMM Babulal Nalin Soren Sita Soren Tweet Jharkhand News Jharkhand Latest News