द फॉलोअप डेस्कः
यूपी के देवरिया जिले में दो परिवारों के बीच हुए हत्याकांड ने लोगों का दिल दहलाकर रख दिया। जिन दो परिवारों में कत्ल हुआ है, उसमें दोनों परिवारों के अलग-अलग दावे हैं। दोनों ही परिवारों की बेटियों उस खौफनाक मंजर के बारे में बताया है। उनके मुताबिक जमीनी विवाद में प्रेमचंद्र यादव की पहले हत्या कर दी गई। इस हत्या का बदला लेने के लिए प्रेमचंद्र के घरवालों ने सत्य प्रकाश दुबे के घर हमला कर दिया। और दुबे समेत परिवार के 5 लोगों को की हत्या कर दी। ये सब महज 20 मिनट में हो गया। एक तरफ प्रेमचंद्र यादव की तीन बेटियां और पत्नी हैं तो दूसरी तरफ सत्य प्रकाश की बेटी और बेटा है। दोनों ही पक्षों के अपने-अपने तर्क हैं। दोनों ही इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।
क्या कहती है प्रेमचंद्र की बेटियां
प्रेमचंद्र की बेटी अलका ने कहा कि पापा के पास सोमवार की सुबह कॉल आया था। पापा घर से बाइक लेकर उनके (सत्य प्रकाश दुबे) घर की तरफ गए। वहां उन लोगों ने पापा की हत्या कर दी। अलका ने आगे कहा- उनकी पहले से ही प्लानिंग थी। पापा खेत पर बाइक खड़ा किए थे, वो लोग बाइक लेकर अपने घर चले गए। जब पापा बाइक लेने गए तो उन लोगों ने उन्हें जान से मार दिया। अगर उन्हें (सत्य प्रकाश के घरवालों को) इंसाफ चाहिए तो हमको भी इंसाफ चाहिए। जैसे वो चाहते हैं कि हमारी फैमिली को फांसी हो वैसे मैं भी चाहती हूं कि उनको फांसी हो। प्रेमचंद्र की एक बेटी अर्चना ने कहा पापा जब कभी कहीं जाते तो उनके साथ दो-तीन लोग होते थे। लेकिन घटना वाले दिन वह फोन आने पर अकेले ही चले गए। जहां पहुंचते ही उन्हें मार दिया गया। इतना कहकर अर्चना रोने लगती है।
प्रेमचंद्र की पत्नी क्या कहती है
प्रेमचंद्र की पत्नी शीला ने कहा- घटना वाले दिन सुबह उनको फोन आया था। चाय देने गई तो बोले लौटकर आता हूं. बाइक स्टार्ट की और निकल गए। कुछ देर बाद खबर आई कि उनको मार दिया है। ससुर मौके पर गए थे। हमें नहीं पता कि बाकी लोग कब उनके (सत्य प्रकाश) घर पहुंचे। हमारी तीन लड़कियां हैं, कहां लेकर जाएं। मेरे आदमी झगड़ा लड़ाई नहीं करते थे। जमीन का विवाद काफी दिन से था। शीला ने कहा कि उनके पति को मारने के बाद आरोपी उनका शव गड्ढे में दफन करना चाहते थे, लेकिन इतने में उनके ससुर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जमीनी विवाद के चलते सत्य प्रकाश की पत्नी उनकी पति को मरवाना चाहती थी।
सत्यप्रकाश की बेटी का बयान
सत्य प्रकाश दुबे बेटी शोभिता का बयान भी सामने आया है। शोभिता की शादी हो चुकी है और घटना वाले दिन वो ससुराल में थी। शोभिता का कहना है कि 2014 में मेरे चाचा को अगवा करके प्रेमचंद्र यादव ने जमीन अपने नाम लिखवा ली थी। तभी से उसने परिवार को खत्म करने का प्लान बना रखा था, उसमें वो सफल भी हो गया। इसमें रुद्रपुर के तहसीलदार, एसडीएम और एसओ की लापरवाही रही। क्योंकि हम उन्हें जब कभी शिकायत करते थे, वो एक्शन नहीं लेते थे। शोभिता ने बताया कि जमीन विवाद मामले में 4 अक्टूबर को प्रेम यादव के पक्ष के लोगों की कोर्ट में पेशी थी, लेकिन उससे पहले परिवार को खत्म कर दिया गया। शोभिता ने कहा कि मेरी मांग है कि इन माफियाओं के चंगुल से हमारी पैतृक सम्पत्ति को मुक्त कराया जाए। जैसे हमारी फैमली को खत्म किया है वैसे ही माफिया के गैंग को फांसी पर चढ़ाया जाए। एनकाउंटर किया जाए। बुलडोजर भी चलाया जाए। वहीं सत्यप्रकाश के बेटे ने कहा है कि घटना वाले दिन वह दूसरे जिला गया था। इसलिए उसकी जान बच गई।
घर आया तो मिली सबकी लाश
सत्यप्रकाश के बेटे देवेश ने कहा उस दिन मेरे भाई का जन्मदिन था। उसने गिफ्ट मांगा था। मैंने कहा लौटकर आऊंगा तो दूंगा। वापस आया तो पूरे परिवार की लाश मिली.।मुझे नहीं पता था कि ये लोग अचानक इस प्रकार का कांड कर देंगे। मेरा तो पूरा ही समाप्त हो गया। में चाहता हूं कि दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। सत्य प्रकाश दुबे की बेटी ने 27 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना रुद्रपुर थाने में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज कराया है। इसमें से 16 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जबकि, दूसरे पक्ष यानी प्रेमचंद्र यादव के घरवालों ने भी सत्य प्रकाश दुबे पक्ष के 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
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