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पाकिस्तान के खिलाफ दो-दो युद्ध लड़ने वाला जवान बैठा धरना पर, न जमीन मिली न पेंशन 

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द फॉलोअप टीम 
चाईबासा के रहने वाले पोदना बलमुचू आर्मी से रिटायर हैं। वे बिहार रेजिमेंट 4240087 के जवान थे। 1965 और 1971 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा। 1971 की लड़ाई में उन्हें जांघ में गोली लग गई। उसके बाद से घायल सैनिकों के साथ उनका इलाज चलने लगा। 1965 की लड़ाई में उनकी वीरता देखते हुए समर स्टार सेवा और 1965 की लड़ाई में उनकी वीरता देखते हुए उन्हें पूर्वी स्टार सम्मान से सम्मानित किया गया। पोदना बलमुचू के अनुसार सरकार ने इसी दौरान 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि देने की घोषणा की थी। लेकिन न जमीन मिली और न ही आज तक उन्हें कोई पेंशन मिला। पोदना बलमुचू पिछले 50 सालों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं। 


राजभवन के पास तीसरी बार बैठे धरना पर 
अपनी मांग को लेकर पोदना तीसरी बार रांची के राजभवन के पास धरना पर बैठे हैं। उनके साथ उनके बेटे भी बैठे हैं। जो पहले बैंक में नौकरी करते थे। पोदना बलमुचू बताते हैं कि हर बार आश्वासन देकर उन्हें उठा दिया जाता है। लेकिन इस बार 10 जून से ही उनका अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। ये तब तक चलेगा जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है। 
हेमंत सोरेन ने भी जमीन देने का दिया था आश्वासन 
पोदना बलमुचू ने अपने धरना स्थल एक अख़बार की कटिंग भी लगायी है। जिसके अनुसार तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चाईबासा दौरे के दौरान पोदना बलमुचू से मुलाकात की थी और 10 दिनों के अंदर पोदना जी को जमीन देने का निर्देश दिया था। पोदना जी बताते हैं कि हेमंत सोरेन के निर्देश के सालों बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं मिला। 


केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री संजय सेठ से उम्मीद 
पोदना बलमुचू और उनके बेटे ने बताया कि रांची के सांसद संजय सेठ जी केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री बने हैं इसलिए उनसे उम्मीद है कि वे हमारी मांगों को गंभीरता से सुनेंगे और उसका समाधान निकालेंगे। 

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