रांची
बीजेपी ने आज स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को उनके डेमोग्राफी में बदलाव से इनकार करने वाले बयान पर निशाने पर लिया है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि डेमोग्राफी बदलाव का मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उच्च न्यायालय ने सीमावर्ती 6 जिलों के उपायुक्तो को इस मुद्दे पर शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उनके जिलों में कितने घुसपैठिए रह रहे हैं और उनको कैसे निकाला जाए। उच्च न्यायालय के द्वारा कोई निर्णय सुनाने के पहले ही स्पीकर का इस मामले में हस्तक्षेप करना सीधे तौर पर उच्च न्यायालय की अवमानना है।
प्रतुल ने कहा एक तरफ स्पीकर डेमोग्राफी में बदलाव से इनकार कर रहे हैं जबकि देश के जनगणना के आधिकारिक आंकड़ों में 1951 से 2011 के बीच संताल के इलाके में आदिवासियों की आबादी 16% घटी है और मुसलमान की आबादी 13% बढ़ी है। 1951 से 2011 के 60 वर्षों के कार्यकाल में 85% समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। तो इस घुसपैठ के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस की तत्कालीन सरकारें जिम्मेदार है। प्रतुल ने कहा 2 जून, 2023 को सभी जिला के उपायुक्त को पत्र लिखकर स्पेशल ब्रांच ने स्पष्ट रूप से कहा था कि घुसपैठियों को संताल के मदरसों में ठहराया जाता है और उनके सरकारी दस्तावेज तैयार किए जाते हैं।
प्रतुल ने जानना चाहा कि क्या स्पीकर राज्य सरकार के स्पेशल ब्रांच से भी सहमत नहीं है? प्रतुल ने कहा कि स्पीकर का पद एक संवैधानिक पद होता है और राजनीति से ऊपर का माना जाता है। लेकिन यहां स्पीकर एक राजनीतिक दल के प्रवक्ता की तरह बयान दे रहे हैं और विचाराधीन मामलों पर भी टिप्पणी कर रहे हैं जो कि सर्वथा अनुचित है। स्पीकर को अपने संवैधानिक कुर्सी की मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए।