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6 दिन में 7 डिग्री तक चढ़ा झारखंड का पारा, महसूस हो रही गर्मी; जानें क्यों?

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द फॉलोअप डेस्कः
कार्तिक का महीना खत्म और अगहन शुरू हो गया है, लेकिन जितनी ठंड होनी चाहिए उतनी नहीं है। हालात यह है कि दिसंबर के महीने में भी धूप अच्छी नहीं लग रही है। इस साल नवंबर महीना बीते कई सालों में सबसे गर्म रहा। झारखंड के अधिकतर शहरों में इस साल न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है। 26 नवंबर तक झारखंड के जिन शहरों का तापमान सामान्य से एक डिग्री तक अधिक था, अभी वहां न्यूनतम तापमान सामान्य से सात डिग्री ऊपर रहा। वैसे तो न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री के बीच होना चाहिए था, लेकिन 18 डिग्री रह रहा है। बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी विक्षोभ से नमी के संयुक्त प्रवाह से दिसंबर महीने में भी गर्मी महसूस होने की स्थिति बनी हुई है। 


छाए रहेंगे बादल 
रांची मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के अनुसार इस बार अल नीनो के प्रभाव से दिसंबर महीने में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। पूरे राज्य में आंशिक बादल छाए रहेंगे। हल्की बारिश के आसरा हैं। इसके बाद अधिकतम तापमान में गिरावट हो सकती है। बताया जा रहा है कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के कारण यहां का मौसम प्रभावित रहेगा। मौसम विज्ञानियों ने पूर्वानुमान लगाया है कि इस बार ठंड कम पड़ेगी। शीतलहर भी कम दिनों के लिए रहेगा। 


क्यों मौसम रह रहा गर्म 
मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि अभी पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादलों की आवाजाही बनी हुई है। नमी का प्रवाह लगातार बने रहने से न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर है। अगले एक-दो दिनों में इसमें कुछ कमी आएगी। लेकिन बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब की वजह से सात और आठ दिसंबर को भी आंशिक बारिश की स्थिति भी बन सकती है। इसके बाद ठंड में बढ़ोतरी होसकती है। रिम्स के प्रोफेसर डॉ संजय सिंह का कहना है कि तापमान परिवर्तन से व्यक्ति सिरदर्द, बुखार, सामान्य से अधिक थकान महसूस करना, नाक बहना और आंखों से पानी आना जैसे लक्षण से बीमार महसूस कर सकता है। ऐसा मौसम शरीर में बीमारी से लड़ने के तरीके को प्रभावित कर सकता है।