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शिकायत करने पर दसवीं की छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया

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द फॉलोअप डेस्क 
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, मांडर की दर्जनों छात्राएं शनिवार की शाम को अपनी विभिन्न समस्याओं व शिकायतों को लेकर डीसी से मिलने रांची चलो का शोर मचाते हुए गेट से निकल गयीं। छात्राओं ने रोते हुए बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में उनकी हालत खराब है। शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई-लिखाई ठीक से नहीं होती है। सुबह का नाश्ता समय पर नहीं मिलता है। उनको दिया जाने वाला खाना भी मीन्यू के अनुसार नहीं होता है। अधिकांश छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। खेल सामग्री, किताब कॉपी, बैंड ड्रेस, सांस्कृतिक कार्यक्रम का कपड़ा, मच्छरदानी व दैनिक उपयोग की चीजें नहीं मिलती हैं। हद तब हो जाती है जब किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है। शिकायत करने पर ही बीते दिन 27 जुलाई को दसवीं कक्षा के छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया था।

बीडीओ के समझाने पर लौटीं छात्राएं 
देर शाम छात्राओं को हॉस्टल से बाहर रहने की खबर फैल गयी। इसके बाद पुलिस की नजर इन पर पड़ी। पुलिस ने सभी छात्राओं को रोका। उसके बाद छात्राओं को पुलिस स्टेशन ले आया गया। यहां छात्राओं ने शिकायत करते हुए रांची उपायुक्त को बुलाने की जिद की। पुलिस की ओर से इसकी जानकारी मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी को दी गयी। बीडीओ सूचना पाकर पुलिस स्टेशन पहुंचे और थाना प्रभारी के साथ मिलकर छात्राओं को समझाया-बुझाया। काफी मशक्कत के बाद छात्राएं लौटने के लिए तैयार हुईं। उन्हें रात के करीब 10 बजे हॉस्टल पहुंचाया गया।
इस मामले में मांडर बीडीओ ने बताया कि इनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। शिक्षकों की कमी और दूसरी समस्याओं से छात्राएं नाराज थीं। सोमवार को इस संबंध में बैठक कर एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जायेगी, जो हॉस्टल की आंतरिक व्यवस्था पर नजर रखेगी।

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