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सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ी, जल्द हो सकता है फैसला

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द फॉलोअप डेस्क

झारखंड में वर्षों से रिक्त पड़े मुख्य सूचना आयुक्त व छह सूचना आयुक्तों के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया एक बार फिर आगे बढ़ी है। प्रतिपक्ष के नेता पद पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की नियुक्ति के बाद कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने चयन समिति की बैठक बुलाने के लिए प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बैठक की तिथि निर्धारित किए जाने के साथ उसमें सूचना आयुक्तों के नामों पर जल्द ही अंतिम फैसला हो जाने की उम्मीद है। मालूम हो कि प्रतिपक्ष के नेता का पद रिक्त रहने के कारण 2020 से ही मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों के पद रिक्त हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति में प्रतिपक्ष के नेता के अलावा मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन इसके सदस्य हैं


सूचना आयुक्तों के चयन में हो रहे विलंब को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है। अपने पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा को किसी जनप्रतिनिधि को समिति का सदस्य मनोनीत करने का निर्देश दिया था। चार मार्च को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई थी। लेकिन उस दिन सुप्रीम कोर्ट में केस लिस्ट नहीं हो सका। अब 18 मार्च को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित है। इधर झारखंड हाईकोर्ट में भी सूचना आयुक्त, लोकायुक्त व अन्य संवैधानिक पदों पर नियुक्ति को लेकर भी सुनवाई जारी है।


आवेदन आमंत्रित कर चुकी है सरकार
अमर कुमार बाउरी को प्रतिपक्ष का नेता बनाये जाने के बाद राज्य सरकार ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की दिशा में आवश्यक प्रक्रिया को गति दी थी। मुख्य सूचना आयुक्त व आयुक्तों के रिक्त पदों के विरुद्ध आवेदन आमंत्रित किए गए थे। मुख्य सूचना आयुक्त के लिए 37 और सूचना आयुक्तों के लिए लगभग 300 आवेदन आए हैं। आवेदन करनेवालों में कई रिटायर आईएएस अधिकारी, रिटायर जज और अन्य सेवाओं के अधिकारी और पत्रकार शामिल हैं।
सूचना आयुक्त का पद रिक्त रहने से सुनवाई स्थगित
राज्य सूचना आयोग में वर्ष 2020 से मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों का पद रिक्त रहने के कारण सुनवाई स्थगित है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार हजारों की संख्या में अपील अभ्यावेदन लंबित हैं।