द फॉलोअप डेस्क
झारखंड हाईकोर्ट से लघु सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता शिवाजी शर्मा को बड़ी राहत मिली है। वर्ष 2002 में गिरिडीह के लघु सिंचाई प्रमंडल अंतर्गत कोदई बांध परियोजना में नहर टूटने की घटना को लेकर पेंशन में 50% कटौती के मामले में राज्य सरकार की अपील (एलपीए) पर झारखंड हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश एम. एस. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए एकल पीठ के आदेश को यथावत रखा है। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने 28 अगस्त 2019 को शिवाजी शर्मा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया था, जिसमें सरकार द्वारा उनकी पेंशन में की गई 50% कटौती को रद्द कर दिया गया था और उन्हें पूरी पेंशन राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
मामला वर्ष 2002-03 का है, जब गिरिडीह स्थित लघु सिंचाई प्रमंडल के तहत कोदई बांध परियोजना का कार्य शुरू हुआ था। बाद में परियोजना को पूरा करने की समयसीमा को घटा दिया गया। इसी दौरान परियोजना के अंतर्गत बन रही नहर टूट गई थी। इसके बाद 16 अप्रैल 2007 को राज्य सरकार ने विभागीय कार्रवाई करते हुए शिवाजी शर्मा के विरुद्ध सेवानिवृत्ति के उपरांत दंडस्वरूप उनकी पेंशन में 50% कटौती का आदेश पारित किया था। शिवाजी शर्मा ने इस आदेश को हाईकोर्ट की एकल पीठ में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें राहत मिली थी। उस निर्णय के विरुद्ध सरकार ने अपील दायर की थी, जिसे अब खंडपीठ ने खारिज कर दिया है।