रांची
सिरम टोली सरना स्थल के पास बने रैम्प को लेकर आदिवासी समाज ने बड़ा फैसला लिया है। रविवार को आयोजित आदिवासी समाज की बैठक में निर्णय लिया गया कि इस रैम्प को समाज स्वयं हटा देगा। इस बैठक में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव सहित कई आदिवासी नेता और बुद्धिजीवी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता कुंदरस मुंडा ने की। इसमें आदिवासी संगठनों और बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में कहा कि प्रशासन द्वारा रैम्प हटाने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे समाज में आक्रोश है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एक अप्रैल को सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन उपायुक्त द्वारा सरहुल शोभायात्रा की तैयारी को लेकर बुलाई जाने वाली शांति समिति की बैठक में आदिवासी संगठन भाग नहीं लेंगे।
विरोध के लिए बनी रणनीति
आदिवासी संगठनों ने विरोध दर्ज कराने के लिए 17 मार्च को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने का निर्णय लिया। साथ ही, राज्य के सभी 81 विधायकों की शवयात्रा निकालकर प्रदर्शन किया जाएगा।
इसके अलावा,
• 21 मार्च को मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
• 22 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया गया है।
बैठक में ये लोग रहे शामिल
इस बैठक में राहुल तिर्की, निरंजना हेरेंज टोप्पो, अजय टोप्पो, बब्लू मुंडा, रवि मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, लक्ष्मी नारायण सिंह मुंडा, फुल चंद तिर्की, जगलाल पाहन, सूरज टोप्पो, अमित मुंडा, मुन्ना टोप्पो, आकाश तिर्की, विजय तिर्की, संगीता कच्छप, अनिल कुमार भगत, जागरे उरांव, अरविंद हंस, विजय उरांव, सुशीला कच्छप, प्रदीप लकड़ा समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। आदिवासी समाज का कहना है कि जब तक रैम्प को हटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।