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साहिबगंज : ढिबरी युग में जी रहे हैं भोगा पहाड़ और बुरसी पहाड़ के लोग, पीना पड़ता है दूषित पानी

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भक्ति पांडेय/साहिबगंज: 

साहिबगंज जिला के तालझारी प्रखंड अंतर्गत भोगा पहाड़ और बुरसी पहाड़ गांव में लोग ढिबरी युग में जीवन जीने को विवश हैं। इन 2 गांवों की सैकड़ों की आबादी को स्वच्छ पेयजल तक नसीब नहीं होता। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद इन 2 गांवों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। गांव में ना तो सड़क है और ना ही बिजली। लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा। 

कच्ची पगडंडी से होता है सफर
भोगा पहाड़ और बुरसी पहाड़ के सैकड़ों लोग आज भी कच्ची और पथरीली पगडंडी के जरिए प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं। यदि गांव में अचानक कोई बीमार पड़ जाए या किसी गर्भवती महिला को तत्काल अस्पताल पहुंचाना हो तो मुश्किल होगी क्योंकि गांव तक एंबुलेंस पहुंचने का रास्ता नहीं है। ऐसे में ग्रामीण खटिया में लादकर मरीजों को मुख्य सड़क तक लाते हैं और किराये के वाहन से अस्पताल पहुंचाते हैं। ऐसे में हमेशा जोखिम बना रहता है। 

गांव में पेयजल की घोर किल्लत है
ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें पेयजल की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गांव में लगा सोलर जलमीनार बीते 5 महीने से खराब पड़ा है। गांव में चापाकल है लेकिन वो इतनी बड़ी आबादी की प्यास बुझाने और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं है। ग्रामीणों की मांग है कि जिला प्रशासन उनकी समस्याओं को संज्ञान में ले और त्वरित इसका समाधान करे।