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सवाल : जूनियर इंजीनियर की परीक्षा में हुई धांधली! क्या एग्जाम से पहले ही लीक हो गया था क्वेश्चन पेपर

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डेस्क: 

क्या सचमुच जेई (JE) की परीक्षा में धांधली हुई ? क्या सचमुच परीक्षा से पहले ही पेपर व्हाट्सएप पर आ गए थे ? क्या सचमुच सील टूटे हुए पेपर छात्रों को मिले थे ? क्या सचमुच कई छात्रों ने ब्लैंक ओएमआर (OMR Test) शीट जमा किया है? क्या सचमुच 8 साल बाद हुए जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) की परीक्षा में हो गया खेला ? झारखंड में नियुक्ति की परीक्षा और विवाद का गहरा नाता रहा है। कोई एक परीक्षा नहीं है जिसमें विवाद नहीं हुआ हो। अभी तीन दिन पहले 3 जुलाई को झारखंड के तीन जिलों रांची, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम जिला में जूनियर इंजिनियर की परीक्षा संपन्न हुई। 


करीब 8 साल बाद JSSC द्वारा इस परीक्षा का आयोजन कराया गया। जब से परीक्षा संपन्न हुई है तबसे परीक्षा में धांधली की बात सामने आ रही। परीक्षार्थी ट्विटर से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रहे हैं। 

जेएसएससी ने आयोजित कराई थी परीक्षा
JSSC यानि झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग (Jharkhand State Staff Selection Commission) द्वारा झारखण्ड डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2021 के लिए फॉर्म निकाला गया। दिसंबर 2021 में फॉर्म निकाला गया। कुल 1151 पदों के लिए यह वेकैंसी निकाली गई। 7 फ़रवरी 2022 से फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हुई जो 8 मार्च तक जारी रही। तक़रीबन 1 लाख छात्रों ने इस फॉर्म को भरा, लेकिन स्क्रूटनी में 55155 फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया गया। बताया गया कि फॉर्म भरने में गलती हुई है।

उसके बाद बचे हुए लगभग सभी छात्र 3 जुलाई को राज्य के 3 जिलों में आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल हुए। जिसके बाद से वे परीक्षा में अनियमितता की बात कह रहे हैं। 

अभ्यार्थियों ने आयोग से की गड़बड़ी की शिकायत
छात्रों के एक समूह ने परीक्षा में अनियमितता की बात को लेकर JSSC के अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है और कुछ साक्ष्य भी उपलब्ध कराये हैं। छात्रों ने बताया है कि उन्हें परीक्षा से पहले पेपर बाहर आने के साक्ष्य मिले हैं। साथ ही कुछ सेंटरों पर पेपर का सील भी टूटे हुए मिले हैं।

JSSC के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी ने छात्रों से साफ़ कहा है कि JSSC कोई जांच एजेंसी नहीं है वह सिर्फ परीक्षा का आयोजन करती है। छात्रों को लगता है कि अगर परीक्षा में अनियमितता हुई है या पेपर लीक हुआ है तो वह थाने में जाकर FIR दर्ज करवा सकते हैं, जो जानकारी है उसके अनुसार कुछ छात्रों ने थाने में मामला भी दर्ज करवाया है। 

क्वेश्चन पेपर के लिफाफे का सील टूटा हुआ था! 
बोकारो से सचिन कुमार नाम के छात्र ने फोन कर बताया कि परीक्षा के दिन DAV पब्लिक स्कूल में उनका सेंटर पड़ा था। वह कमरा नंबर 24 में बैठे थे। उन्हें जो क्वेश्चन पेपर मिला था उसका सील टूटा हुआ था। सचिन ने बताया कि उन्होंने क्लास में मौजूद वीक्षक मैडम से इसकी शिकायत की लेकिन क्लास में मौजूद मैदान ने कहा कि वे इस संबंध में कुछ नहीं कर सकती हैं। बोकारो से ही रणधीर कुमार नाम के छात्र ने बताया कि बोकारो के एक सेंटर पर प्रश्न पत्र में डबल सील लगा हुआ मिला है। रणधीर ने डबल सील का प्रमाण भी भेजा है, जो इस वक्त आपके मोबाइल के स्क्रीन पर दिख रहा होगा। 

 

ट्विटर पर प्रश्नों का स्क्रीनशॉट घूम रहा है
ट्विटर पर कई प्रश्नों का स्क्रीन शॉट्स भी घूम रहा है। छात्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करके उनसे परीक्षा में हुई अनियमितता की जांच की मांग कर रहे हैं। ट्विटर पर जो मोबाइल का स्क्रीन शॉट्स घूम रहा है उसमें 9 बजकर 1 मिनट समय दिख रहा है। छात्रों का दावा है कि 10 बजे से शुरू होने वाली परीक्षा से करीब 1 घंटे पहले कागज़ के टुकड़े पर लिखा प्रश्न व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था।

इस स्क्रीन शॉट्स में एक मोबाइल नंबर 7488121791 भी दिख रहा है। इस नंबर पर कॉल कर हमने जानना चाहा कि आखिर ये नंबर किसका है। कॉल करने पर यह नंबर बंद मिला। छात्रों ने बताया कि ये नंबर साहिबगंज के किसी व्यक्ति का है। छात्र चाहते हैं इस नंबर से अगर पेपर वायरल हो रहा है तो कम से कम इसकी फोरेंसिक जांच तो करानी ही चाहिए।  

15 से 20 लाख रुपये में कराई गई थी सेटिंग
इसके अलावा भी कई छात्रों का अलग - अलग दावा है। एक छात्र ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि उसके जानने वाले कई छात्रों ने उनसे बताया कि उसने परीक्षा में 15 से 20 लाख रुपये में अपना सेटिंग करवाया है। उस छात्र ने फॉलोअप को बताया कि यह प्रलोभन उसे भी दिया गया था, लेकिन वह खुलकर नहीं बोलना चाहते हैं। ट्विटर पर कुछ छात्र कई रोल नंबर शेयर कर रहे हैं और बता रहे हैं कि इन छात्रों ने परीक्षा में ब्लैंक ओएमआर शीट जमा किया है। ऐसा जान बूझकर किया गया है। 

छात्रों ने बताया कि जब परीक्षा का फॉर्म निकला था तब बताया गया था कि सीबीटी के तहत परीक्षा होगी यानि कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट होगा लेकिन परीक्षा ओएमआर शीट में ली गई। छात्रों के अनुसार ये सब कुछ एक साजिश के तहत किया गया है। 

बीजेपी ने हेमंत सरकार से जांच की मांग की
इधर इस मामले पर भाजपा ने भी सरकार से मामले की जांच की मांग की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि छात्रों ने जो आरोप लगाए हैं वो काफी सीरियस हैं इसलिए सरकार को इस मामले की गंभीरता पूर्वक जांच करवाने चाहिए ताकि जो प्रतिभा हैं उनका हक़ कोई मार ने ले।