रांची
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने आज एक आपातकालीन बैठक का आयोजन किया। बैठक में विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक अबु इमरान समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को व्यापक और प्रभावी तरीके से सुधारना था।
डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड का आगामी बजट राज्य की जनता को समर्पित होगा। इस बजट में आम जनता, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने बहुत सहा है, अब उन्हें उनके अधिकार और सुविधाएँ मिलनी चाहिए।
बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय:
1. लोकप्रिय और ठोस बजट के लिए सुझाव:
डॉ. इरफान अंसारी ने सभी सांसदों एवं विधायकों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्रों की वास्तविक जरूरतों पर आधारित सुझाव दें ताकि बजट को जनहितकारी और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने झारखंड में लूट की संस्कृति फैलाई थी, जिसे पूरी तरह समाप्त कर प्रदेश में पारदर्शी शासन स्थापित किया जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी।
2. 'स्वास्थ्य ही धन है' के सिद्धांत पर कार्य:
डॉ. अंसारी ने कहा कि स्वस्थ समाज ही समृद्ध राज्य की नींव है। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ‘स्वास्थ्य ही धन है’ के सिद्धांत पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
3. ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था होगी मजबूत:
गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुँचाने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएँगी। हर पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किए जाएँगे। विशेषज्ञ डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी ताकि ग्रामीण जनता को समय पर उचित इलाज मिल सके।
4. स्थानांतरण नीति में सख्ती:
डॉ. अंसारी ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग में तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मियों एवं पदाधिकारियों का स्थानांतरण अनिवार्य होगा। इससे विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।
5. उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मिलेगा सम्मान:
जो भी स्वास्थ्यकर्मी या अधिकारी ईमानदारी और समर्पण से कार्य करेंगे, उन्हें विभागीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इससे कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
6. सरकारी अस्पतालों का होगा आधुनिकीकरण:
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को अत्याधुनिक तकनीक से लैस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों के रूप में विकसित किया जाएगा। हर जिले में कम से कम एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत आवश्यक उपकरण, विशेषज्ञ डॉक्टर और प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति होगी।