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गोबर के उत्पाद और हैंडिक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दिये प्रमाण पत्र

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रांची 

गोबर के विशिष्ट उत्पाद और हैंडिक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिए  पशुपालन भवन हेसाग में पांच दिवसीय गोबर प्रसंस्करण आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत रांची जिले के दस प्रखंडो की कुल 200 महिलाओं को प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, अध्यक्ष  राजीव रंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष राजू गिरी, विशिष्ट अतिथि के रूप में राजेश कच्छप, निदेशक पशुपालन किरण पासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित महिला प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखण्ड गो सेवा आयोग के काम से जाहिर होता है कि आयोग अपने कार्यो के प्रति गंभीर प्रयास कर रहा है।

मंत्री ने कहा, इससे झारखण्ड के पशुपालकों की स्थिति बेहतर बनाई जा सकेगी। गोबर प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं हमारी गौमाता हमारा दायित्व कार्यक्रम की उन्होनें प्रशंसा की। आशा जताई कि इसका प्रसार झारखण्ड के अन्य जिलों में भी किया जाएगा। गौशाला निबंधन के संबध में उन्होनें कहा कि झारखण्ड के जिन जिलों में जहां कोई भी गौशाला संचालित नहीं है वहां भी गौशाला का निर्माण होगा। गोबर के लाभ के संबध में उन्होनें बल देकर कहा कि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। रोजगार हेतु बैंक को भी इसका सहभागी बनाया जाए। 


कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखण्ड गो सेवा आयोग के अध्यक्ष  राजीव रंजन प्रसाद ने की। उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि आज इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम की बहुत आवश्यकता है। यह कार्यक्रम भविष्य में देशी गो पशुओं के संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। प्रशिक्षणार्थियों को आय के नवीन विकल्प के संबध में पांच दिवसीय प्रशिक्षण के माध्यम से एक-एक बारीकी बताई गई। वहीं दूसरी ओर महिला पशुपालकों को अनुत्पादक पशुओं का भी सेवा भाव उतने ही लगन एवं मेहनत से करने के लिए प्रेरित किया गया। कहा कि आज इस प्रकार की प्रौद्योगिकी का विकास हो चुका है जहां गोबर एवं गोमूत्र के प्रसंस्करण से नए-नए उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। उपाध्यक्ष  राजू गिरी ने स्वागत करते हुए कहा कि आयोग के उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही आयोग एक टीम भावना में देशी गोवंशीय के विकास के लिए लागातार प्रयत्नशील है। राजेश कच्छप ने कहा कि .यह कार्यक्रम समय की मांग है। उन्होनें विस्तार के साथ किसानों के योगदान के संबध में बताया। 


 

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