द फॉलोअप नेशनल डेस्क
विपक्ष की आपत्ति के बाद लोकसभा में वक्फ बोर्ड बिल अटक गया है। अब इसे विचार के लिए JPC (ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी) को भेजा जायेगा। वक्फ बोर्ड विधेयक, 2024 पर लोकसभा में बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आज लोकसभा में जो विधेयक लाया गया, वह सच्चर समिति की रिपोर्ट, जिसमें सुधार की बात कही गई थी, पर आधारित है, जिसे कांग्रेस ने बनाया था।
इधर, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "बिल पेश होने से पहले हमने स्पीकर को नियम 72 के तहत नोटिस भेजा था कि हम इस बिल के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि यह विधेयक अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है। यह विशेष रूप से न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन करता है।
ओवैसी ने आरोप लगाया कि इस बिल के जरिये आप उन मस्जिदों को छीनना चाहते हैं जिन पर आरएसएस दावा कर रहा है। उन दरगाहों को छीनना चाहते हैं जिन पर दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठन दावा कर रहे हैं। इसमें कई धाराएं हैं जो खतरनाक हैं। वे वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके सभी तर्क झूठे हैं।