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देवघर में कल्याण विभाग को नहीं मिले आदिवासी अभ्यर्थी, छात्रवृति के डेढ़ करोड़ रुपये सरेंडर करने पड़े 

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द फॉलोअप डेस्क:

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कल्याण विभाग को छात्रवृत्ति देने के लिए देवघर में आदिवासी अभ्यर्थी नहीं मिले। इसके कारण कल्याण विभाग को मिले डेढ़ करोड़ रुपये सरेंडर हो गये। कल्याण विभाग को यह राशि मार्च में मिल गयी थी, लेकिन छात्रवृत्ति के लिए आदिवासी छात्रों का एक भी आवेदन नहीं मिला। 31 मार्च को विभाग ने डेढ़ करोड़ रुपये जिला कोषागार में सरेंडर कर लिया।

राशि सरेंडर करनी पड़ी

विभाग के अनुसार, सभी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से आदिवासी छात्रों की सूची कल्याण विभाग कार्यालय को प्राप्त हुई थी। उन संस्थानों के आदिवासी छात्रों के बैंक खाते में छात्रवृत्ति राशि स्थानांतरित कर दी गई थी। शेष डेढ़ करोड़ रुपये की राशि के लिए अतिरिक्त आदिवासी छात्रों की सूची शिक्षण संस्थानों से नहीं आयी। जिसके कारण राशि सरेंडर करनी पड़ी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या जिले भर में आदिवासी छात्रों की संख्या कम हो गई है? जिसके कारण राशि सरेंडर करनी पड़ी।

सूची उपलब्ध नहीं करायी
शिक्षण संस्थानों से आदिवासी छात्रों की जो सूची कल्याण विभाग कार्यालय को प्राप्त हुई, उस सूची के तहत उन संस्थानों के आदिवासी छात्रों के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि भेज दी गयी है। बाकी 1.5 करोड़ रुपये मार्च क्लोजिंग के आखिरी वक्त आए। वैसे भी शिक्षण संस्थानों ने शेष आदिवासी छात्रों की सूची उपलब्ध नहीं करायी। इसके कारण राशि सरेंडर हो गयी। सूची के अनुसार सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मिल गई है। एक भी आदिवासी छात्र छात्रवृत्ति से वंचित नहीं है।

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