दुमकाः
दुमका में दो नाबालिग लड़कियों की हत्या के विरोध में भाजपा व विभिन्न संगठनों की ओर से आज दुमका बंद किया गया है। बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। दुकानें पूरी तरह से बंद हैं। बस पड़ाव में सन्नाटा है। एक भी वाहन नहीं चलाया जा रहा है। प्रदर्शनकारी राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। उनका कहना है कि दुमका की बेटियों के साथ हैवानियत हो रही है और सरकार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रही है। लोगों की मांग है कि मृत बच्चियों के परिजनों को 1 करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए, जबकि दोषियों को फांसी मिले।
सियासत गरमाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान आया कि ऐसी घटनाएं होती रहती है। जिसके बाद राज्य की सियासत गर्म हो गई है। विपक्ष झारखंड में कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रदेश के मुखिया का ऐसा बयान संवेदना को चोट पहुंचाने और झिंझोड़ने वाला है। दस दिन के भीतर ही झारखंड में दो नाबालिग लड़कियों की हत्या कर दी गई और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह आम बात है।
एनआईए से जांच कराएं: बाबूलाल
पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने दुमका में हुई क्रूर घटना की एनआईए जांच की मांग की है। रविवार को पीड़िता के परिजनों से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मरांडी ने दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा को हटाने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की। बालूलाल मरांडी पीड़िता के परिजनों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको हमलोग न्याय दिला कर रहेंगे।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मिलने पहुंचे
इधर पीड़ित परिवार से मिलने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो अपनी टीम के साथ दुमका आये हुए हैं। टीम ने दोनों मृत लड़कियों के घरवालों से बात की है। जिस लड़की के शव को पेड़ से लटका दिया गया था उसके घर जब टीम पहुंचीं तो देखा कि मृतका के माता-पिता घर में नहीं थे, उन्हें पता चला कि कोई गाड़ी में बैठा कर उन्हें अपने साथ ले गया है। इस पर आयोग के अध्यक्ष भड़क उठे। उन्होंने प्रशासन पर सहयोग न करने का आरोप लगाया और इससे संबंधित ट्वीट भी किया।