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Farmers movement: : सरकार के साथ अब कोई वार्ता नहीं होगी, कल दिल्ली कूच करेंगे किसान 

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द फॉलोअप डेस्क 

किसान आंदोलन (Farmers movement) में शामिल संगठनों ने कहा है कि केंद्र सरकार के साथ अब कोई वार्ता नहीं होगी। कहा कि कल 21 फरवरी को किसान दिल्ली कूच करेंगे। बता दें कि किसानों के साथ कल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की चौथे दौर की वार्ता हुई है। इसमें केंद्र ने किसानों को चार फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी देने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव पर विचार मंथन के बाद किसानों ने इसे मानने से इनकार कर दिया। आज संयुक्त किसान मोर्चा और किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार का प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। अब एमएसपी गारंटी से नीचे किसी भी प्रस्ताव पर बात नहीं होगा। किसान कल दिल्ली कूच करेंगे। साथ ही उन्होंने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा नहीं अपनाने की अपील की है।  


प्रस्ताव में नया कुछ भी नहीं 
इधर, आंदोलन में शामिल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि कई चरण की चर्चा के बाद ये तय हुआ है कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नहीं है। ये किसानों के पक्ष में नहीं है। हम इसे खारिज करते हैं। डल्लेवाल ने आगे कहा कि सरकार किसानों को दिल्ली जाने की राह में बाधा नहीं बने। हम बस दिल्ली में शांति से बैठना चाहते हैं। हमें किसी तरह की हिंसा नहीं चाहिये। डल्लेवाल का इशारा पुलिस की ओऱ से किसानों पर किये गया लाठीचार्ज और बल प्रयोग का था। 

क्या है किसानों की मांगें 
लगभग सप्ताह दिन से आंदोलन कर रहे किसानों की सबसे प्रमुक मांग एमएसपी की गारंटी है। इसी के साथ किसान पेंशन और कर्ज माफी की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन को लेकर थोड़ी नरमी तो दिखी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है। वहीं, केंद्र सरकार की ओऱ से कहा गया है कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रव फैलाने की कोशिश को नाकाम किया जायेगा। उपद्रव फैलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जायेगी। दूसरी ओऱ किसानों ने भरोसा जताया है कि सरकार के साथ बातचीच में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा।


क्या दिया सरकार ने प्रस्ताव 
 
19 फरवरी को, केंद्र सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को 4 फसलों पर एमएसपी (MSP) देने का प्रस्ताव दिया। लेकिन फिलहाल किसान सभी फसलों पर एमएसपी की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा है कि उनको सोचने के लिए कम से दम 2 दिन का समय चाहिये। पंढेर ने कहा कि वे आंदोलन में शामिल अन्य संगठन व नेताओं से सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच ये चौथे दौर की वार्ता थी। इसमें केंद्र की ओऱ से कैबनेट मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। खबर लिखने तक पंजाब और हरियाणा में आंदोलन जारी है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।